मध्यप्रदेश सरकार की हठधर्मिता के कारण यूनाइटेड फोरम का कार्य बहिष्कार आंदोलन – परिहार।

RAKESH SONI

मध्यप्रदेश सरकार की हठधर्मिता के कारण यूनाइटेड फोरम का कार्य बहिष्कार आंदोलन – परिहार।

सारनी। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के सभी पेशनर्स एवं कार्यरत अधिकारी कर्मचारी बार-बार शांतिपूर्ण धरना, प्रदर्शन एवं ध्यानाकर्षण करने के बाद भी शासन एवं कंपनी प्रबंधन पेंशनर्स और कार्यरत कर्मचारीयों की
उपेक्षा कर रही है। पूरे मध्यप्रदेश में बिजली विभाग में असंतोष है। जिसका नुकसान शासन को उठाना पड़ सकता है। सरकार का असंवेदनशील व्यवहार के कारण यूनाईटेड फोरम को निर्णय लेना पडा । मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के अधिकारियों/कर्मचारियों की निम्न मांगों हेतु शांति पूर्ण कार्य बहिष्कार प्रारंभ किया जाएगा। पेंशन के भुगतान की सुनिश्चित व्यवस्था करते हुये पेंशन का भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार की तरह ट्रेजरी से किया जाये। मध्यप्रदेश शासन में लागू चतुर्थ वेतनमान के आदेश को यथा आवश्यक परिवर्तन सहित विद्युत कंपनियों द्वारा तुरंत लागू किये जाये।मध्यप्रदेश विदयुत मण्डल के पेंशनर्स के 4 प्रतिशत मंहगाई राहत के आदेश शीघ्र जारी किए जाये।उक्त मांगों को यदि 26.09.2023 तक पूरा नहीं किया जाता है,तो यूनाइटेड फोरम विवश होकर आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।दिनांक 27.09.2023 को म.प्र. के सभी विद्युत कंपनियों में कार्यरत विद्युत मण्डल के लगभग 15000 अधिकारी/ कर्मचारी एक दिवसीय शांतिपूर्ण कार्य बहिष्कार करते हुये कोई भी कार्यालयीन संचालन संधारण एवं निमार्ण कार्य नहीं करेगें एवं सभी अपने मोबाईल बन्द रखेगें ।
इसके बाद भी यदि विद्युत कर्मियों की उचित मांगों का निराकरण नहीं किया जाता है, उस स्थिति में कार्यरत विद्युत कर्मी, 24 घण्टें के नोटिस पर 02.10.2023 को महात्मा गांधी की जयंती पर उपवास करेगें और 03.10.2023 से संपूर्ण कार्य बहिष्कार जैसे गंभीर निर्णय लेने हेतु बाध्य होगें। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सारनी के प्रचार सचिव अंबादास सूने ने बताया कि सरकार यह भूल गई है कि 10 अगस्त 2021 को भी मोबाइल बंद कर कार्य बहिष्कार किया था। एक दिन के मोबाइल बंद में सरकार को झुकना पडा था। इसी प्रकार 1 नवम्बर 2021 को लोड डिस्पैच,जी सी सी और सतपुडा ताप विद्युत गृह के युवा तकनीकी कर्मचारी , इंजीनियरों ने लगातार 36 घंटे कार्य कर मंहगाई भत्ते के आदेश जारी करने के लिए कंपनी को झुकना पडा था।

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