ठेकाप्रथा बंद करने और राष्ट्रीय श्रम नीति लागू करने भारतीय मजदूर संघ करेगा आंदोलन, 26 को प्रधानमंत्री के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

RAKESH SONI

ठेकाप्रथा बंद करने और राष्ट्रीय श्रम नीति लागू करने भारतीय मजदूर संघ करेगा आंदोलन, 26 को प्रधानमंत्री के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

सारनी। विभिन्न शासकीय संस्थानों में ठेका प्रथा को बंद करने और श्रम नीति लागू करने के लिए भारतीय मजदूर संघ आंदोलन करेगा। रविवार को भारतीय मजदूर संघ की जिला इकाई की बैठक जिला महामंत्री पंजाबराव गायकवाड़ की उपस्थिति में एक बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक के दौरान आगामी दिनों में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाने पर विचार विमर्श किया गया। जानकारी देते हुए भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध नगर पालिका, नगर पंचायत मजदूर संघ के

जिलाध्यक्ष के.के. भावसार ने बताया कि श्रमिकों के विभिन्न मांगों को लेकर बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में सामाजिक सुरक्षा सभी को मुहैया हो जिसके लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता 2022 अतिशीघ्र लागू की जाए। भारती श्रम सम्मेलन आईएनसी के 45वें सत्र के सिफारिश को लागू किया जाएं। अंतिम वेतन के 50 प्रतिशत राशि के बराबर कामगारों को पेंशन दिया जाए। ठेका प्रथा के अनुसरण पर रोक लगाए तथा ठेका श्रम (निवारण एवं नियमितीकरण) अधिनियम 1970 में न्यायोचित संशोधन कर उसका ठोस परिपालन सुनिश्चित किया जाएं। समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत को लागू किया जाएं। आर्थिक विकास के लिए एक राष्ट्रीय श्रम नीति बनाई जाएं जिसके लिए असंगठित एवं संगठित पूरे श्रम क्षेत्र के लिए एक समान श्रम नीति एवं कानून बने राष्ट्रीय श्रम नीति निर्माण के लिए त्रिपक्षीय फोरम बनाया जाएं। न्यूनतत मजदूरी के स्थान पर जीविका मजदूरी तय हो जिसके अंतर्गत जीविका मजदूरी का उद्देश्य गरीबी रेखा के नीचे जीवन त्यापन करने वाले गरीब लोगों को पूरे भारत में काम करने वाले श्रमिको को पूरानी पेंशन नीति का पूरा लाभ दिया जाएं। समेत अन्य मांगों को लेकर आगामी 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र नोदी जी के नाम कलेक्टर बैतूल को ज्ञापन सौपा जाएगा। इसमें नगर पालिका मजदूर संघ. आगनवाड़ी मजदूर संघ, किसान मजदूर संघ समेत भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध जिले भर की इकाइयों के सदस्यगण उपस्थित रहेंगे। बैठक में नत्थूराव चढ़ोकर अनिल सिरोरिया, धर्मराज झरबडे इमरत, सूरज सांडिया, प्रकाश बजारे समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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