शिवरात्रि पर संत श्रीआशारामजी आश्रम में हुआ जागरण
(निर्दोष संत की शीघ्र रिहाई के लिये की प्रार्थना)
बैतूल। शिवरात्रि पर जहाँ एक ओर शिवालयों में पूजन-अभिषेक करने वालों की भीड़ लगी हुई थी और जगह-जगह मेले लगे हुए थे वहीं दूसरी ओर शहर से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर चिखलार के प्राकृतिक, सुरम्य, एकांत सात्विक वातावरण में स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम के शिवालय में शिवरात्रि पर श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा साधकों से सायं 7 बजे से प्रातः 4 बजे तक चारों प्रहर का पूजन करवाया गया। समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि पूज्य बापूजी ने शिवरात्रि की महिमा बताते हुए कहा कि शिवरात्रि को व्रत उपवास के साथ एकांत में जप, ध्यान, मौन और मानसपूजन करके आत्मशिव की आराधना का विशेष महत्व है।इसी बात को ध्यान रखते हुए आश्रम में कार्यक्रम आयोजित कर शिवलिंग के चारों प्रहर के पूजन, अभिषेक के साथ रात्रि 9 बजे से प्रातः 5 बजे तक सामूहिक जप, ध्यान, भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन भी किया गया जिसमें साधकों ने सनातन हिन्दू संस्कृति की रक्षा व झूठे केस में फसाये गए निर्दोष हिन्दू संत श्री आशारामजी बापू की शीघ्र ससम्मान रिहाई के संकल्प के साथ जप और प्रार्थना की। बैतूल के आश्रम के अलावा मुलताई, शोभापुर, सारणी के आश्रमों में भी पूजन कार्यक्रम के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष राजेश मदान के साथ प्रभाशंकर वर्मा, सुरेंद्र कुंभारे, अनूप मालवीय, अलकेश सूर्यवंशी, किशन बामने, गजानंद बामने, परसराम मर्सकोले, रवि आर्य, डॉक्टर राजकुमार मालवीय सहित अन्य कई साधक मौजूद थे।