अनिल का भागीरथी प्रयास (2555दिन दिन का सफर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश )

RAKESH SONI

अनिल का भागीरथी प्रयास

(2555दिन दिन का सफर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश )

बैतुल। बेटियों के सम्मान में लाडो फाउंडेशन है मैदान में -जी! हां, निश्चित रूप से मैं यह कह सकता हूं बैतूल का यह कर्मवीर योद्धा, बेटियों के मान सम्मान और अभिमान के लिए निरंतर सकारात्मक सोच के साथ ,एक अच्छी पहल की शुरुआत के लिए, सजग रुप से “बेटियों के नाम से हो घर की पहचान” इस परिकल्पना को साकार कर दिखाया है, बैतूल के अनिल नारायण यादव ने ! एक छोटी सी पान की दुकान के सहारे अपने जीवन को संवारने वाले अनिल नारायण यादव एक जाना पहचाना नाम है ,अपने कर्तव्यो की आहुति देने के लिए सदैव तैयार है ,”एकला चलो रे “इस सिद्धांत को बेटियों के मान सम्मान और अभिमान के साथ-साथ ,”बेटी के नाम से हो घर की पहचान “इस संदर्भ में इस राष्ट्रव्यापी अभियान को सार्थक कर दिखाया है, इस कर्मवीर योद्धा ने ,क्योंकि सच ही कहा है किसी ने- “लहरों से डरकर कभी, नौका पार नहीं होती,और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं” होती! बैतूल के पावन माटी मे जन्मे इस राहगीर ने बेटियों के मान सम्मान के लिए, बेटियों की रक्षा के लिए ,बेटियों के नाम से हो घर की पहचान , पूरे देश में एक विशिष्ट एवं उद्देश्यपरक अलख जगा रखी है ,इस योद्धा ने 2015 में शुरू हुए इस लाडो फाउंडेशन आज पूरे देश में अपने विशिष्ट अंदाज में कार्य कर रहा है ,अपनी बेटी आयुषी के जन्मदिन को यादगार बनाते हुए 7 वर्ष लाडो फाउंडेशन के पूर्ण हो चुके हैं! आठवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, बेटियों के मान -सम्मान के लिए लाडो फाउंडेशन का यह विशिष्ट परोपकार है उपलब्धियों से परिपूर्ण है सकारात्मक ऊर्जा के साथ एक सार्थक परिणाम का नाम है ,लाडो फाउंडेशन बैतूल आज पूरे देश में 3000 से अधिक बेटियों के नाम से नेम प्लेट उनके घरों में बेटियों के नाम से हो घर की पहचान राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत लगाई जा चुकी है 15 राज्य 25 जिले और 100 से अधिक गांवों में यह पूरा कारवां फैल चुका है, जहां तक राज्यों की बात करते हैं -मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा ,छत्तीसगढ़, गुजरात ,हिमाचल प्रदेश ,महाराष्ट्र, बिहार ,उत्तराखंड, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश राजस्थान नई दिल्ली एवं अन्य आदि राज्यों में लाडो फाउंडेशन ,पूरी सजगता के साथ अपना कार्य कर रहा है, आपको अवगत कराना चाहूंगा- बेटियों का जन्मदिन हो ,बेटियों ने जन्म लिया हो या बेटियों की मान सम्मान और अभिमान की बात हो, हर समय -लाडो फाउंडेशन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटियों की सुरक्षा के लिए बेटियों के अधिकारों के लिए बेटियों के सम्मान के लिए पूर्णता के साथ संघर्ष भरे रास्तों को तय करते हुए आज पूरा देश, लाडो फाउंडेशन बैतूल के द्वारा किए जाने वाले सराहनीय परोपकारी एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए सराहा जा रहा है, बेटियों का जन्मदिन हो, या बेटियों ने जन्म लिया हो ,बैंड बाजों के साथ पूरे उमंग उल्लास लिए हुए पुष्प वर्षा करते हुए बिटिया के माता पिता का अभिनंदन कर पूरे मान सम्मान के साथ बेटियों का ग्रह प्रवेश करवाया जाता है! निश्चित रूप से आज देश के लिए लाडो फाउंडेशन एक यादगार नाम बन चुका है !जाना पहचाना नाम बन चुका है ,एवं बेटियों के सम्मान में हमेशा लाडो फाउंडेशन मैदान में है अपने सकारात्मक एवं परोपकारी कार्यों के लिए निरंतर प्रयासरत है आवश्यकता इस बात की है हमें भी एक अच्छे राष्ट्र नागरिक होने का परिचय हमको देना चाहिए बेटियों के अधिकारों के लिए उनकी शिक्षा के लिए सुविधाओं के लिए सम्मान के लिए अभिमान के लिए मान के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे तभी हम आत्मनिर्भर भारत विकास का भारत स्वर्णिम भारत की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे क्योंकि- बेटी है तो कल है वरना जीवन निष्फल है” मां की ममता पिता की चाहत है बेटियां, सुख समृद्धि मां लक्ष्मी का अवतार है बेटियां! पापा की लाडली होती है बेटियां, मां के लिए जान से प्यारी होती है बेटियां! अनंत शुभकामनाओं के साथ लाडो फाउंडेशन बैतूल को हम सच्चे हृदय से उनके द्वारा किए जाने वाले जन कल्याणकारी कार्यों के लिए बेटियों के मान सम्मान और अभिमान के लिए उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं एवं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हैं इस आशा और विश्वास के साथ कि भविष्य में भी इसी तरह से रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्यों के द्वारा आप अपने कर्तव्यो की आहुति देते रहेंगे- यश फैले ,जयवंत हो ,गुंजित हो नभ तक, सुंदर है आपके काम ! बेटियों के सम्मान में जो जगाई अलख ,अभिनंदन आपका श्रीमान” अभिनंदन आपका श्रीमान….! आलेख प्रस्तुति एवं संकलन- एस. ब्राह्मणे साहित्यकार एवं लेखक मानस नगर सदर बेतूल

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