Akadshi vishesh: निर्जला एकादशी 18 को, बन रहे हैं 3 शुभ योग भूलकर भी न करें ये काम, वरना दरिद्रता नहीं छोड़ेगी साथ

RAKESH SONI

Akadshi vishesh: निर्जला एकादशी 18 को, बन रहे हैं 3 शुभ योग
भूलकर भी न करें ये काम, वरना दरिद्रता नहीं छोड़ेगी साथ


एकादशी। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। सभी एकादशियों में से निर्जला एकादशी काफी खास होने के साथ सबसे कठोर मानी जाती है, क्योंकि इस दिन अन्न-जल ग्रहण नहीं किया है। बता दें कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी और बड़ी ग्यारस जैसे नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से हर तरह के दुखों से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। अगर आप भी इस बार निर्जला एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो इन नियमों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं…

कब है निर्जला एकादशी?
==============
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून को सुबह 04 बजकर 42 मिनट से आरंभ हो रही है,जो 18 जून को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी पर बन रहे शुभ योग
=====================
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल निर्जला एकादशी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। शिव योग दिनभर रहकर रात 9 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। इसके साथ ही दोपहर में 3 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग है।

असरनिर्जला एकादशी पर क्या करें और क्या नहींनिर्जला एकादशी पर क्या करेंकरें दान
निर्जला एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन गोदान, जल दान, छाता दान के साथ-साथ जूता आदि का दान देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आप चाहे, तो अपनी योग्यता के अनुसार कुछ चीजों का दान कर सकते हैं।

पीपल को चढ़ाएं जल
============
निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने के साथ-साथ जल जरूर अर्पित करें।

प्राप्तिसुनें एकादशी व्रत कथा
================
निर्जला एकादशी के दिन पूजन करने के साथ-साथ एकादशी व्रत कथा अवश्य सुननी या फिर पढ़नी चाहिए। इससे आपकी पूजा पूर्ण होती है।

करें पानी के घड़ा का दान
==============
कहा जाता है कि इस दिन साधक निर्जला व्रत रखकर किसी को पानी पीने का घड़ा दान करता है, तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन घड़ा दान करते समय इस मंत्र को बोलें

देवदेव हृषिकेश संसारार्णवतारक।
उदकुंभप्रदानेन नय मां परमां गतिम्॥

लगाएं पौधे
======
इस दिन पौधे लगाना शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन पीपल, बरगद, नीम आदि के पेड़ अवश्य लगाएं।

निर्जला एकादशी पर क्या न करें
==================
निर्जला एकादशी के दिन चावल का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
निर्जला एकादशी के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन नमक खाने से एकादशी व्रत और गुरुवार के फल नष्ट हो जाते हैं।
इस दिन तुलसी को न स्पर्श करना चाहिए और न ही उसमें जल चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस दिन मां तुलसी व्रत रखती हैं।
इस दिन तामसिक और मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
इस दिन बेड, पलंग आदि में सोने के बजाय जमीन में सोना चाहिए।
इस दिन झाड़ू पोछा करने की मनाही है, क्योंकि इससे चींटी सहित कई सूक्ष्म जीवों की हत्या का दोष लग जाता है।
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए।

Advertisements

 

Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!