वार्डवासियों के विरोध के बाद वार्ड 10 मे खुली अंग्रेजी व देशी शराब को तहसीलदार की मौजूदगी में ढहाया गया

सारणी:- नपा क्षेत्र सारणी के वार्ड 10 के पार्षद साहित वार्डवासियों के बढ़ते विरोध के पश्चात आखिकार शासकीय अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकान को घोड़ाडोंगरी तहसीलदार अशोक डेहरिया, नायब तहसीलदार वीरेंद्र उइके, राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मंगलवार को करीब 5 बजे जेसीबी से ढहाया गया। इसके अलावा जय स्तंभ पर अतिक्रमण कर बनी एक पंचर की दुकान पर भी राजस्व विभाग ने कार्रवाई कर। दुकान को ढहाया है। विदित हो कि अभी बीते दिनों नपा सारणी के वार्ड 10 मे शासकीय अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकान खोली गई थी। जिसके बाद से वार्ड पार्षद समेत लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा था। शासकीय शराब का कड़ा विरोध कर पार्षद समेत वार्डवासियों ने एक के बाद एक जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था। वार्ड 10 की पार्षद शिवकली बबलू नर्रे के नेतृत्व में वार्डवासियों ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर तक शराब दुकान की शिकायत कर हटाने की मांग की थी। इस बीच वार्ड 10 के पार्षद समेत वार्डवासियों ने सारणी थाना प्रभारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला कलेक्टर, स्थानीय विधायक एवं सतपुड़ा पॉवर प्लांट सारणी के मुख्य अभियंता के नाम ज्ञापन सौंपकर वार्डवासियों को आने की वाली परेशानियों को बताकर शराब दुकान हटाने की मांग की थी। वार्ड के लोगों के बढ़ते विरोध और जिम्मेदार अधिकारियों पर आ रहे दबाव के बाद आखिरकार वार्डवासी को शराब की दुकान से राहत मिल ही गई। जबकि बीते महिनों सारणी के वार्ड 1 सेंट्रल बैंक के पास खुली शासकीय शराब दुकान से भी वार्डवासियों को खासी परेशानी हो रही है। जिसका विरोध वार्ड पार्षद नेहरू बेलें और वार्डवासियों ने करके शराब दुकान शहर के बाहर संचालित करने की मांग की थी। लेकिन अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों ने वार्डवासियों की मांगों को नजरअंदाज करने का कार्य किया है। जिससे रिहायशी क्षेत्र के बीचोंबीच खुली शराब दुकान से क्षेत्र का माहौल बिगाड़ा, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, गाली-गलौज, उपद्रव एवं महिलाओं पर छींटाकशी आम बात हो गई है। अब देखना होंगा कि जिस प्रकार आज वार्ड 10 मे शराब दुकान हटाने जैसी कार्रवाई प्रशासनिक कार्रवाई वार्ड 1 में कब की जाएंगी।
मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की जमीन पर शहर की आधी आबादी ने अतिक्रमण कर रखा है। एक अनुमान के हिसाब से 400 से 500 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों ने आलीशान दुकान मकान बना लिए हैं और व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं। इन अतिक्रमण को हटाने के लिए पावर प्लांट के लिए चुनौती साबित होगा।
अशोक डेहरिया
घोड़ाडोंगरी, तहसीलदार
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