विश्वहिंदू परिसद स्थापना दिवस कार्यक्रम सम्पन्न

सारणी। मूलताई जिले के सारणी प्रखण्ड के शोभापुर शिवशक्ति आश्रम में बुधवार दोपहर 2 बजे विश्वहिंदू परिसद स्थापना दिवस का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन बजरंगदल जिला सयोंजक वतन मिश्रा ने किया
जिसमें मुख्य वक्ता के रूप मे जिले के पालक श्री कृष्णकांत गावंडे जो कि विभाग के विभाग सयोंजक एवं प्रांत के गौ रक्षा का दायित्व निर्वाहन कर रहे है साथ ही विभाग के विभाग संगठन मंत्री श्री महेश जी कर्ण का प्रथम आगमन बाबा मठारदेव की नगरी में हुआ। विभाग के सयोंजक मुख्य वक्ता श्री कृष्णकांत गावंडे ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्व हिन्दू परिषद एक हिन्दू संगठन है। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एक अनुषांगिक संगठन है।विश्व हिन्दू परिषद्, वीएचपी और विहिप के नाम से भी जाना जाता है। विहिप का चिन्ह बरगद का पेड़ है यानी वृट वृक्ष है और इसका ध्येय वाक्य, “धर्मो रक्षति रक्षित:” यानी जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।
विश्वहिंदू परिसद की स्थापना 29 अगस्त 1964 को कृष्ण जन्ममास्टमी के दिन मुम्बई के सांतिपनी आश्रम में स्वामी चिन्मयानंद द्वारा की गयी जसमे साधु संतों के साथ परम पूज्य श्री माधवराव सदाशिव राव गोलवरकर गुरु जी की उपस्तिथि में हुई इसके कार्यकर्ता पूरे विश्व में कार्यरत है इसकी दो युवा इकाई बजरंगदल एवं दुर्गा वाहनी है दुर्गा वाहनी समाज मे माताओं बहनों के बीच कार्य करती है। श्री गावंडे जी ने बताया कि विश्वहिंदू परिसद हिन्दू मान बिंदुओं की रक्षा करता है जैसे मठ मंदिरों की सुरक्षा,समाज मे धर्म का वातावरण स्थापित करना,गौ माता की रक्षा ,साधु संतों की रक्षा,पर्यावरण, नदिया की सुरक्षा,धार्मिक अनुष्ठान महिलाओं की रक्षा ,धर्मान्तरण रोकना,लवजिहाद जैसे मुख्य कार्य मे विश्वहिंदू परिसद की भूमिका होती है। विभाग के विभाग संगठन मंत्री महेश जी कर्ण ने कार्यकर्ताओं का दायित्व बोध कराया।
कार्यक्रम के समापन पर जिला सुरक्षा प्रमुख लष्मीकांत पांडे,जिला उपाध्यक्ष सुनील भारद्वाज,चेतन गुप्ता,पाथाखेड़ा कार्यकारणी अध्यक्ष मधु जगदेव में आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से पारस आटनेरे,मनोज परिहार,लल्लन यादव,शक्ति बेले,अजय सोनी, डॉक्टर वर्मा,सुनील विश्वकर्मा, अनुज बर्डे,चेतन डांगे,आशिष वामनकर,महिर पवार,चेतन बरिय्या, अभिषेक पुवार, आकाश,ओमकार भारती,चंदन विश्वकर्मा,तानिष सिंगारे आदि की उपस्तिथि रही।