सुपर ई में निवासरत कर्मचारी ने पीछे वाले आवास की बीच की दीवार तोड़ किया अवैध कब्जा

RAKESH SONI

सुपर ई में निवासरत कर्मचारी ने पीछे वाले आवास की बीच की दीवार तोड़ किया अवैध कब्जा

 

सारनी । मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग में कार्यरत राधा कृष्ण वार्ड क्रमांक दो कॉलोनी के झरबड़े कर्मचारी द्वारा सुपर ई आवास क्रमांक – सुपर ई 407 के पीछे वाले आवास क्रमांक सुपर ई 406 जो कई दिनों पूर्व खाली हो चुका था अब कर्मचारी द्वारा बीच की दीवार तोड़ लग्जरी अवैध कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। वैसे तो मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के कर्मचारियों के मनमानी के तरीके आए दिन प्रकाश में आते है कभी स्थानांतरण कराने को लेकर तो कभी अवैध कब्जा कराने को लेकर स्वयंभू बने कर्मचारियों के मामले उजागर होते है। अब मुख्य अभियंता के बड़े लग्जरी आवास की चाह में एक कर्मचारियों ने अपना आवास बना लिया है। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग में कार्यरत सुपर ई 407 में निवास करने वाले कृष्णा राव झरबड़े द्वारा उसके पीछे का आवास जो कुछ दिनों पहले खाली हो चुका था उसकी बीच की दीवार तोड़ अपने आवास को ताजमहल बना लिया है अब आवास ने 4 बैडरूम, दो हॉल को निर्मित कर लिया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि संपूर्ण जानकारी सिविल विभाग के आला अधिकारियों को होने के बाद भी कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही जिससे सिविल विभाग के अधिकारी कर्मचारी पर संदेह व्यक्त हो रहा है। दबी जुबान पड़ोस के लोगों ने बताया कि श्री झरबड़े जोकि पावर जनरेटिंग कंपनी में कार्यरत हैं उनके पीछे आवास खाली होने पर उनके द्वारा सुरक्षा की दृष्टि को मध्यनजर रखते हुए लिखित आवेदन देकर क्वार्टर की संपूर्ण जवाबदेही अपने नाम पर ली गई थी। लेकिन विभाग को गुमराह कर कर्मचारी ने मंडल के क्वार्टर की बीच की दीवार तोड़ अपने आवास को लग्जरी बंगले में तब्दील कर दिया है जो क्षेत्र एवं कर्मचारियों मे चर्चा का विषय बना हुआ। बताया जाता है कि इसी कर्मचारी द्वारा झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों को पानी पैसों में बेचा जा रहा है। दबी जुबा झुग्गी बस्ती मैं निवासरत एक व्यक्ति ने बताया कि श्री झरबड़े द्वारा गर्मी के दिनों में गरीब परिवार को पानी देकर उसकी वसूली की जा रही है। जो गरीब परिवार पर अत्याचार से कम नहीं, आश्चर्य की बात है कि मंडल के कर्मचारी द्वारा मंडल के आवास में रहते हुए झुग्गी बस्ती वालों को पानी बेचा जा रहा है। इससे प्रतीत होता है कि सिविल विभाग की मौन स्वीकृति के चलते कर्मचारी द्वारा माल कमा कर हिस्सा बंटवारा अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।

इनका कहना है:-

आपके द्वारा मुझे मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के कर्मचारी द्वारा क्वार्टर की बीच की दीवार तोड़ क्वाटर को एक करने की जानकारी मिली है इसकी हमारे द्वारा जांच कराई जाएगी ऐसे पाए जाने पर उक्त कर्मचारी पर एमपीईबी के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

मंगल सिंह धुर्वे
कार्यपालन अभियंता सिविल विभाग एमपीईबी

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