माचना पुनर्जीवन अभियान के तहत मोरडोंगरी में ग्राम सभा आयोजित

RAKESH SONI

माचना पुनर्जीवन अभियान के तहत मोरडोंगरी में ग्राम सभा आयोजित

मोरडोंगरी में बनेगा स्टाप डेम, जनभागीदारी से होगा तालाब का गहरीकरण

 


बैतूल। माचना नदी पुनर्जीवन अभियान के बढ़ते क्रम में गुरुवार को ग्राम मोरडोंगरी में ग्राम सभा आयोजित की गई। ग्रामसभा में सहायक कलेक्टर श्री अंशुमन राज ने चौपाल सभा के माध्यम से संवाद किया व ग्राम की जल संरचनाओं की जानकारी प्राप्त की।

सहायक कलेक्टर श्री अंशुमन राज ने ग्राम सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि नदी हमें वर्ष भर पानी देती है, हम वर्षा में नदी के क्षेत्र को पानी से भरने का काम करें।

श्री मोहन नागर ने ग्रामीणों को बताया कि यहां कभी माचना की अविरल धारा गर्मी के मौसम तक देखने को मिलती थी। आज गन्ने की खेती व वनक्षेत्र कम हो जाने से ग्राम में पेयजल का संकट बना हुआ है। ग्रीष्म ऋतु में पीने का पानी भी क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, इसके लिए हमें प्रशासन के साथ जल संरक्षण के लिये कार्य करना होगा।

अतिथियों ने नदी का भ्रमण कर गांव की भौगोलिक स्थितियों को जाना। ग्रामीणों के सुझाव से स्थानीय छोटी नदी पर स्टाप डेम की संभावनाओं को तलाशा गया। पहाड़ी क्षेत्र में पंचायत द्वारा खंतियों का जो निर्माण कराया गया है उसका उन्होंने निरीक्षण कर नीम के पौधों का रोपण किया। पर्यावरण प्रभारी श्री अमोल पानकर ने बताया कि आज शहरों में पानी लीटर से बिक रहा है, भविष्य में यह स्थिति गांव तक पहुंच जाएगी। आज समय है उचित दिशा में चिंतन करें, तो जल संकट संबंधित परिस्थितियों पर काबू पाया जा सकता है।
जन अभियान परिषद की ब्लॉक समन्वयक सुश्री सरिता पाठक ने ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस अभियान में सहयोग के लिए सभी का आह्वान किया। गांव के सरपंच द्वारा माचना नदी पर बड़े स्टाप डेम की मांग की गई, जिसे योजना में सम्मिलित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीण युवाओं ने जल संरक्षण में जनभागीदारी से तालाब के गहरीकरण में अपना योगदान देने हेतु संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन श्री सुनील वाडि़वा द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री विक्रम इथापे, श्री सुनील पंवार, सरपंच श्री राजेश कवड़े, उपसरपंच श्रीमती सुशीला सिरसाम, सचिव श्री सुरेश पटने, श्री राजेश सूर्यवंशी, श्री राजेश उइके, श्री मगरिया मोहबे श्री भूरा यादव, अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारियों का योगदान रहा।

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