वन‌ विभाग ने घायल ईगल उल्लु किया बरामद l

RAKESH SONI

वन‌ विभाग ने घायल ईगल उल्लु किया बरामद l

सारनी । सतपुड़ा मेलघाट टाइगर कॉरिडोर के बीच में बसा सारनी शहर वन्य प्राणियों के लिए अनुकूल जगह है और यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी व वन्य प्राणी मिलते रहें हैं।
मंगलवार की सुबह शॉपिंग सेंटर में मोहित ज्वेलर्स के पास स्थित एक कपड़े की दुकान के मालिक को कुछ बंदर एक उल्लू को घायल करते हुए नज़र आए। जिस पर दुकानदार के माध्यम से बंदरों को भगा कर उल्लू को अपने कब्जे में रखा गया, उल्लू गंभीर रूप से घायल था और उसके पंख की हड्डी टूट कर बाहर आ चुकी थी। दुकानदार के माध्यम से उल्लू का उपचार कराने का प्रयत्न किया गया परंतु सरनी में उपचार नहीं मिल सका, जिसके बाद उन्होंने उल्लू को अपने कब्जे में ही रखा ।
जब इसकी सूचना सारनी निवासी पर्यावरणविद आदिल खान को मिली तो उन्होंने वन विभाग को इसकी जानकारी दी, फिर सारनी रेंजर अमित साहू के साथ आदिल खान घायल उल्लू को लेने के लिए दुकानदार के यहां पहुंचे । जिस पर दुकानदार के माध्यम से कहा गया कि वे वन‌‌ विभाग को उल्लू नहीं देंगे, और खुद उसका उपचार कराएंगे।
जिसके बाद रेंजर अमित साहू के माध्यम से दुकानदार को समझाइश दी गई कि यह वन्य प्राणी है और इसे गैरकानूनी रूप से आपके पास रखने पर आपके ऊपर मामला भी दर्ज किया जा सकता है, कानून के अनुसार आपको इसे रखने का अधिकार नहीं है और यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि जब भी ऐसा कोई घायल वन्य प्राणी मिले तो इसकी सूचना वन विभाग को दे।

इसके बाद आदिल खान के माध्यम से दुकानदार से उल्लू की प्रजाति पूछी गई जिस पर उन्होंने असमर्थता जताई, इसके बाद आदिल ने उन्हें बताया कि यह ईगल आऊल है जब आपको इसकी प्रजाति की जानकारी ही नहीं है तो आप कैसे इसकी देखरेख कर पाएंगे । आदिल ने उन्हें समझाया कि ‌उल्लू को उचित देखरेख व सही इलाज की आवश्यकता है यह गंभीर रूप से घायल है और बेहद डरा हुआ भी है।‌ इसके बाद उल्लू को वन विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया, गंभीर रूप से घायल उल्लू का उपचार अभी जारी है।

उल्लू व अन्य जंगली पक्षी वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित श्रेणी में आते हैं अगर किसी को घायल पक्षी मिले तो इसकी सूचना वन विभाग को दें, कहीं और से सूचना मिलने पर वन विभाग के माध्यम से ऐसे लोगों के ऊपर कार्यवाही भी की जा सकती है
आदिल खान, पर्यावरणविद सारनी।

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