कोरोना काल मे एक माह से घर से बाहर रहकर कर रहे मरीजों की सेवा :- लेखचंद्र यादव
बैतूल:- अठारह पुराणों में वेद व्यास जी ने दो वाक्य सर्वश्रेठ कहे है एक तो दूसरों का दिलदुखाने से बड़ा कोई पाप नहीं होता दूसरा परोपकार से बड़ा दूसरा कोई धर्म नहीं होता कोरोना काल मे जहाँ लोग हॉस्पिटल भी जाने से डरते है वहीं एक युवा की जिद व जुनून ने सेवा करने काबेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया युवा समाजसेवी लेखचन यादव विगत एक माह से घर से बाहर रहकर आदिवासी अंचलों से जिला चिकित्सालय बैतूल आने वाले मरीजों की सहायता करके उन्हें यथा संभव मदद कर रहे है कोरोना से पीड़ित मरीजों को आवश्यक मदद करके परिवारजनों को इस विषम परिस्थितयो में भी मदद पहुँचा रहे है युवा समाजसेवी लेखचन्द यादव अपने घर से विगत एक माह से परिवार जनों से दूर रहकर सेवा कार्य कर रहे है कोरोना के नाम से जब रिश्तेदार भी साथ छोड़ रहे है ऐसे में यादव मदद कर परिवार से भी बड़ा फर्ज निभा रहे है लेखचन्द यादव कहते है कि कोरोना काल मे सेवा का मौका मिला है तो इसे जाने न दे यथासंभव मदद करे! ओर इंसांनीयत का फर्ज निभाये ।
लेखचन्द बताते है कि बैतूल जिले के सरकारी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ रानू वर्मा एवं डॉ आनंद मालवीय बहुत मेहनत करते है और कोरोना के मरीजों की दिन रात 18,18 घंटे लगातार इलाज करके उनकी सेवा कर रहे है