सफलता की कहानी कांता की जुबानी कोरोना काल में घर पहुंच सेवा बनी सहारा
बैतूल:- जिले के विकासखण्ड मुलताई की ग्राम पंचायत खडक़वार के ग्राम पारबिरोली निवासी कान्ता देशमुख आजीविका मिशन से जुड़ऩे के पूर्व अपने पति के साथ खेती एवं मजदूरी का कार्य करती थी, जिससे उनको अपने परिवार को चलाने में भी काफी परेशानी होती थी, बच्चों का भरण पोषण करना भी मुश्किल होता था। इसके बाद सन् 2019 में आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी।
कान्ता द्वारा लक्ष्मी आजीविका स्वयं सहायता समूह मे जुडऩे के बाद मिशन के सहयोग से ग्राम में ही किराना दुकान शुरू की गई। जिससे उनके द्वारा मजदूरी कार्य बंद कर दिया गया। उक्त दुकान से कान्ता को प्रतिदिन 300-350 रूपये की आय होने लगी।
इसी बीच अप्रैल 2021 में सम्पूर्ण जिले में कोरोना महामारी के कारण कोरोना कर्फ्यू लगा दिया गया। जिसके कारण कान्ता को भी सावधानी के दृष्टिगत अपनी दुकान को बंद करना पड़ा। किन्तु नवाचार की इच्छा लिये हुए कान्ता के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि क्यों न जरूरतमंदों को किराना सामग्री, उनकी आवश्यकता के अनुसार उनके घर तक ही पहुंचा दी जाये, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम होगा एवं सही समय पर लोगों को आवश्यकतानुसार सामग्री भी मिल जायेगी। फलस्वरूप कान्ता द्वारा अपने परिवार की मदद से ग्राम में ही घर-घर किराना सामग्री को पहुंचाना शुरू कर दिया गया।
कान्ता के द्वारा सामग्री वितरण के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखा जाता है एवं लोगों को इस महामारी से जागरूक भी किया जा रहा है। किराना दुकान से कान्ता की भी आजीविका चलने लगी। आज कान्ता आजीविका मिशन को धन्यवाद देना नहीं भूलती, वह कहती है कि अगर आजीविका मिशन से सहयोग न मिला होता तो हमारा परिवार ऐसी आपदा की स्थिति में कुछ भी नहीं कर पाता।