कोरोना हेल्थ केयर सेंटर में समर्पित भाव से अपनी सेवाएं दे रहीं हैं कोरोना योद्धा भक्ति संगीत गाकर मरीजों का बढ़ा रहीं मनोबल श्रीमती संगीता दवंडे

RAKESH SONI

कोरोना हेल्थ केयर सेंटर में समर्पित भाव से अपनी सेवाएं दे रहीं हैं कोरोना योद्धा
भक्ति संगीत गाकर मरीजों का बढ़ा रहीं मनोबल श्रीमती संगीता दवंडे

बैतूल:- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी जिले के कोरोना योद्धा पूरे समर्पित भाव से कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक जिला चिकित्सालय बैतूल में पदस्थ स्टॉफ नर्स श्रीमती संगीता दवंडे हैं। स्टॉफ नर्स श्रीमती दवंडे जिला अस्पताल के समर्पित कोरोना हेल्थ केयर सेंटर (डी.सी.एच.सी.) में जून 2020 से निरंतर अपनी सेवायें देते हुये कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रही हैं। कोविड मरीजों की देखभाल एवं उपचार के दौरान अत्यंत जोखिम का सामना करने के उपरांत भी इनके द्वारा मरीजों की देख-रेख व उपचार के लिये नि:स्वार्थ भाव से सेवा की जाती है। इनके द्वारा न केवल मरीजों को दवा देने एवं देखरेख करने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि मरीजों को स्वयं की आवाज में भक्ति संगीत सुनाकर उनका मनोबल भी बढाया जा रहा है।

बुधवार को जिला चिकित्सालय बैतूल के समर्पित कोरोना हेल्थ केयर सेंटर (डी.सी.एच.सी.) में भावनात्मक माहौल देखने को मिला। स्टाफ नर्स श्रीमती संगीता दवंडे ने मरीजों के बीच पहुंचकर शाम की प्रार्थना के वक्त ‘‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’’ भक्ति गीत गाकर मरीजों का मनोबल बढ़ाया। उनके साथ मरीज भी अपना दर्द एवं तकलीफ भूलकर गीत गा रहे थे तथा तालियां बजाकर साथ दे रहे थे। उपस्थित कुछ मरीजों द्वारा चिकित्सकों एवं नर्सेस के भावनात्मक सहयोग की सराहना की गई तथा संकट की इस घड़ी में जी-जान से अपनी सेवाऐं समर्पित करने के लिये उनका आभार भी माना गया।

स्टॉफ नर्स श्रीमती दवंडे के परिवार में उनके पति, 17 वर्षीय एक पुत्र तथा 65 वर्षीय सास हैं। इन्हें संक्रमण का खतरा होने के बावजूद भी वे निरंतर पूर्ण निष्ठा एवं सेवाभाव से कोरोना के मरीजों की देखभाल एवं उपचार कार्य करती हैं। इनके इस सराहनीय कार्य में इनके पति श्री राजेन्द्र दवंडे का भी पूरा सहयोग रहता है और वे कोविड-19 मरीजों की देख-रेख, उपचार और सेवा करने के लिए श्रीमती दवंडे को लगातार प्रेरित एवं प्रोत्साहित करते हैं।

श्रीमती दवंडे को गीत गाने का शौक है उनका कहना है कि ईश्वर की आराधना से मनोबल में बढोत्तरी होती है, जिससे हम कठिन संकट को भी टाल सकते हैं। कोरोना को हराने के लिये उपचार के साथ-साथ मरीज का मनोबल बढ़ाना भी बहुत जरूरी है।

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