बिटिया दिवस के अवसर पर बच्चों ने समझा अपने अभिभावकों का कार्य।
सारणी। सरस्वती विद्या मंदिर सारणी के आचार्य परिवार की बिटिया ने अपने माता-पिता के विद्यालय पहुंचकर उनके कार्य करने का तारिक समझा
श्रीमती भावना सोनी की बिटिया आयुषी ने अपनी मम्मी का बच्चों के बीच में कार्य करने का बच्चों को संभालने का उनके रजिस्टर कंप्लीट करने का कार्य को समझा श्रीमती प्रिया सहारे दीदी की बिटिया नितिशा सहारे ने अपने मम्मी के विद्यालय का भ्रमण किया एवं उनका भवन कक्षा का कार्य वंदना प्रमुख की जिम्मेदारी
एवं परीक्षा प्रमुख के कार्यालय को देखा उन्होंने देखा कि हमारी मम्मी कैसे परीक्षा संचालित करवाती है कैसे कॉपियों का रखरखाव होता है
कैसे मूल्यांकन पत्रक बनाए जाते हैं एवं मार्कशीट कैसे बनती है
दीदी ने अपनी बच्ची को अपनी कुर्सी पर बिठाकर कार्य को समझाया
विद्यालय की दीदी कल्पना अडल्क दीदी ने उनकी बिटिया को *नोटिस बोर्ड* पर सूचना कैसे लिखना सूचनाओं का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है इस विषय को लेखन कर समझाया
श्रीमती गीतांजलि सलोनी दीदी ने अपनी बिटिया सलोनी उर्वशी को शिशु वाटिका में बच्चों को कैसे एक्टिविटीज कराई जाती है *शिशु वाटिका के 12 आयाम*
को दिखाया जिसमें घर संसार
पोथी चित्रकला
मिट्टी कला
रंगोली कला एवं
जल तारांतरण दिखाए एवं
विद्यालय के प्राचार्य श्री चंद्रशेखर टैगोर की बिटिया शिखा टैगोर ने *प्राचार्य का कार्य क्या* होता है वह समझा विद्यालय संचालन में क्या-क्या गतिविधियां करते हैं
उसे विषय को समझा उन्होंने पूरी पंजीयों का अवलोकन किया
कैसे अनुशासन बनाते हैं इस विषय को समझा इस प्रकार आज विद्यालय परिवार के *स्टाफ के बच्चों ने अपने माता-पिता के कार्य को निकटता से अनुभव किया*
घर जाने के बाद थकावट होती है तो कैसे थकान दूर करते हैं उसे विषय को भी उन्होंने बच्चों से साझा किया
बच्चों को बहुत अच्छा लगा
अंत में बच्चों ने शीतल पेय का आनंद लिया और खुशी-खुशी घर पहुंचे