बैतूल – कलेक्टर ने किये आवश्यक दिशा-निर्देश जारी
बैतूल,
ग्रामीण स्तर पर कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के संबंध में कलेक्टर अमनवीर सिंह बैंस ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि बाहर से गांव वापस लौटने वाले लोगों को होम क्वारेंटाइन करने की कार्रवाई कठोरतापूर्वक सुनिश्चित की जाए। विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य, भोपाल, इंदौर तथा अन्य हॉट स्पॉट से आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
जिन लोगों को होम क्वारेंटाइन किया जा रहा है उनके घर पर निर्धारित पर्चा भी चस्पा किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा परीक्षण उपरांत सुझाव दिये जाने पर ऐसे लोग जिनके घरों में होम क्वारेंटाइन करने की समुचित व्यवस्था नहीं है, उन्हें सात दिवस हेतु संस्थागत क्वारेंटाइन स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत भवन अथवा सामुदायिक भवनों में किया जाए।
होम क्वारेंटाइन/आइसोलेट किए गए समस्त व्यक्तियों की सतत् निगरानी आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका, सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, पटवारी के साथ-साथ स्थानीय प्रधान तथा पंचों के माध्यम से भी रखी जाए। किसी में भी सर्दी, खांसी, अथवा बुखार के लक्षण पाए जाने पर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग की टीम को तत्काल दी जाए।
महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांव में बेरिकेट्स लगाकर रास्ते ब्लॉक किए गए हैं। उन रास्तों से यदि कोई जबरदस्ती प्रयास करके बाहर से गांव आता है तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध भी आवश्यक कार्रवाई हेतु सूचना इंसिडेंट कमाण्डर को तत्काल दी जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी कोरोना वायरस पॉजिटिव प्रकरण पाये गये हैं और उन्हें होम आइसोलेशन में रखने का निर्णय स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लिया गया है, वहां पूर्ण सख्ती से आइसोलेशन नियमों का पालन सुनिश्चित करवाया जाए। यदि किसी के द्वारा इसका उल्लंघन किया जाता है तो इसकी सूचना भी तत्काल इंसिडेंट कमांडर को दी जाए, ताकि ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होने वाले समस्त प्रकार के धार्मिक, सामाजिक एवं अन्य समस्त कार्यक्रमों में कलेक्टर द्वारा निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में लोग सम्मिलित होते हंै तो इसकी सूचना सचिव ग्राम पंचायत द्वारा तत्काल अपने इंसिडेंट कमांडर एवं सीईओ जनपद पंचायत को दी जाए।
कलेक्टर ने कहा है कि समस्त बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई हेतु समस्त ग्राम स्तरीय दलों को सतत् रूप से सक्रिय रखने की आवश्यकता है। इस कार्य में गांव के जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। साथ ही गांव में निवासरत एनसीसी, एनएसएस से जुड़े छात्र-छात्राओं को भी जोड़ा जाए।