जिले भर में पूजे गए लाखों माता–पिता अपना पूजन होते देख वृद्धजनों के छलके आंसू शैक्षणिक संस्थाओं, वृद्धाश्रम, घर घर में मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस

RAKESH SONI

जिले भर में पूजे गए लाखों माता–पिता
अपना पूजन होते देख वृद्धजनों के छलके आंसू
शैक्षणिक संस्थाओं, वृद्धाश्रम, घर घर में मनाया मातृ-पितृ पूजन दिवस


बैतूल। वर्तमान युवा पीढ़ी में माता-पिता के प्रति आदर व सेवाभाव जाग्रत करने और पाश्चात्य सभ्यता का अंधानुकरण ना कर सनातन हिंदू संस्कृति की महिमा से परिचित कराने के उद्देश्य से हिंदू संत श्री आशारामजी बापू ने 14 फरवरी 2006 से मातृ पितृ पूजन का विश्वव्यापी अभियान शुरू किया था। आज देश विदेश में 14 फरवरी को श्री योग वेदांत सेवा समिति के तत्वावधान में मातृ-पितृ पूजन दिवस के अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। बुधवार को श्री योग वेदांत सेवा समिति द्वारा जिले के विद्यालयों, महाविद्यालयों सहित मातोश्री वृद्धआश्रम में भावपूर्ण वातावरण में मातृ-पितृ पूजन दिवस का कार्यक्रम सेंट्रल बैंक प्रबंधक राजीव रंजन झा के विशेष आतिथ्य एवं वृद्धाश्रम के संचालक मनोज विष्ट की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जिसमें अतिथियों व साधकों द्वारा बुजुर्गों के पैर पखारकर, तिलक लगाकर, आरती की और मुंह मीठा कराकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया गया। वृद्धआश्रम के वृद्धजनों की खुशी व सम्मान में उन्हे सात्विक भोजन भी कराया गया। अपना इस तरह का सम्मान होते देख वृद्धजनों के आंसु छलक पड़े। इस मौके पर श्री झा ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी सनातन संस्कृति और माता पिता के प्रति आदर व सेवाभाव जाग्रत करने के उद्देश्य से पूज्य बापूजी द्वारा शुरू कराया गया। यह मूहिम समाज ने एक नई जागृति लाएगी। युवा अपने माता पिता का सम्मान करें तो वृद्धाश्रम की देश में कोई जरूरत नहीं। समिति के संरक्षक राजेश मदान ने बताया कि 14 फरवरी को जिले भर में बच्चों और युवाओं ने अपने माता पिता को तिलक करके पुष्पों की माला, चरणों में पुष्प, प्रणाम कर, प्रदक्षिणा, आरती कर उन्हें मिष्ठान खिलाया। साथ ही माता पिता ने भी अपनी संतानों को गले लगाकर प्रेम किया। इस तरह मनाया सच्चा मातृ पितृ पूजन दिवस। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति संरक्षक राजेश मदान, अनूप मालवीय, मोहन मदान, विकास खरे, एआर पवार, जगन्नाथ पंडाग्रे मारोतीराव साकरे, सहदेव ठाकरे, देवीराम मालवीय, एलबी गायकवाड़, सुरेंद्र कुंभारे, प्रभाशंकर वर्मा, श्रीमती रूपा विश्वकर्मा, हिताक्षी विश्वकर्मा, जसमतराव कवडक़र, किरण कवडक़र, रमा मालवीय, इंद्रदेव कवडक़र, रामराव कड़वे, सतीश पाल सहित वृद्ध आश्रम के संचालक मनोज विष्ट एवं स्टाफ का योगदान सराहनीय रहा।

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