भरतमुनि सम्मान समारोह सम्पन्न।
बैंगलोर /सारणी। संस्कार भारती के अखिल भारतीय कला साधक संगम बैंगलोर में आज तीसरे दिन के प्रथम सत्र में पश्चिम बंगाल संस्कार भारती ने संस्कार भारती के ध्येय गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
भरतमुनि सम्मान समारोह के संयोजक श्री सुबोध शर्मा ने सम्मान समारोह की जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्मान देने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार समिती ने निर्णय लिया और श्री गणपत सखाराम मसगे सिंधूदुर्ग महाराष्ट्र लोककला के लिए और श्री विजय दशरथ आचरेकर मुंबई को चित्रकला के लिए प्रशस्ति पत्र एक लाख इककावन हजार रुपए देकर सम्मानित कर भरतमुनि सम्मान को प्रस्थापित कर कला साधकों का सम्मान कर संस्कार भारती गौरवान्वित हो रही है। इस अवसर पर सम्मानित साधकों ने अपने विचार व्यक्त कर बताया कि किन परिस्थितियों में उन्होंने कला को जीवित रखा और आज भी उनकी नई पीढ़ी इस कला को सीख रही है। संस्कार भारती ने हमारा सम्मान किया इसके लिए अभिनंदन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्यनीय सरसंघचालक डॉक्टर मोहनराव भागवत ने अपने उदबोधन में कहा कि कला साधकों का सम्मान संस्कार भारती ने किया प्रशंसनीय है। संस्कार भारती कला साधकों का धन्यवाद करती है कि लोक कला की एक नही बल्कि ग्यारह लोककला को जीवित रखा है। आज दो कला को भरतमुनि सम्मान से सत्कार किया है आने वाले समय में अन्य कलाओ का भी सम्मान होगा। इस अवसर पर संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वासुदेव कामत जी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा संस्कार भारती को भरतमुनि सम्मान को प्रस्थापित करने में 40 वर्ष का समय लगा। आज कला साधकों का सम्मान कर संस्कार भारती गौरवान्वित है। सायंकाल के सत्रों में अनेक राज्यों ने अपनी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए। आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय सेंटर बैंगलोर के विशाल परिसर में सुरम्य वातावरण में देश के कोने कोने से 2600 प्रतिनिधि पंजीकृत होकर 80% उपस्थिती रही। आज के मुख्य कलाकार नितीश भारद्वाज महाभारत के श्रीकृष्ण भगवान के रुप में उपस्थित हुए और समाज के अंतिम छोर पर खडे व्यक्ति को गले लगाकर समरसता का संदेश दिया।