अखिल भारतीय कला साधक संगम सामाजिक समरसता पर आधारित कार्यक्रम आयोजित।
बैंगलुरु / सारणी। कला और साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा 1 फरवरी से 4 फरवरी-24 तक चलने वाला अखिल भारतीय कला साधक संगम का शुभारंभ नटराज पूजन कर दीप प्रज्ज्वलित संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वासुदेव कामत एवं यादवीर कृष्णा चामराज वाडीयार, पद्मश्री मंजम्मा जोगती, पंडित रविन्द्र यावगल,विजयनगर साम्राज्य के राजवंश ने किया । बेंगलूरू शहर से बाहर लगभग 25 कि मी दूर आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय सेंटर के विशाल परिसर में आयोजित कला साधक संगम का शुभारंभ नृत्य कला से किया गया। इसके पूर्व संस्कार भारती का ध्येय गीत सामुहिक रूप से प्रस्तुत किया गया। कला वह है जो बुराईयों के बंधन काटकर मुक्ति प्रदान करती है। अर्थात सा कला या विमुक्तये।संस्कार भारती का ध्येय वाक्य है। राष्ट्रीय चेतना जागृत करने का कार्य संस्कार भारती अपने स्थापना काल से कर रही है। अखिल भारतीय कला साधक संगम का कार्यक्रम सामाजिक समरसता पर आधारित है। जिसमें देश के हिमाचल प्रदेश, अवध,ब्रज,मध्य क्षेत्र, बिहार, नार्थ ईस्ट के अरुणाचल, असम प्रदेश,झारखंड,राजस्थान, पश्चिम बंगाल,मणिपुर,मिजोरम,त्रिपुरा मेघालय, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु,हरियाणा सहित अनेक प्रांत से संस्कार भारती के लगभग दो हजार अपेक्षित क्षेत्रीय, पदाधिकारी , सदस्य उपस्थित हुए । उल्लेखनीय है कि 2 दिन इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक माननीय मोहन राव भागवत जी का मार्गदर्शन भी मिलने वाला है। पूर्वोत्तर भारत से लेकर उत्तर भारत के साथ दक्षिण,पश्चिम क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व इस कार्यक्रम में हुआ। संगम की शाम नार्थ ईस्ट के सभी कलाकारों ने अपने अपने प्रदेश की कला और संस्कृति का प्रदर्शन कर उपस्थित दर्शकों का मनमोह लिया।
Advertisements
Advertisements