संस्कार भारती विस्मृत परपंराये,संस्कृति और स्व की अनुभूति करा रही है।
अखिल भारतीय कला साधक संगम के लिए बैतूल से 14 सदस्यों का दल बेंगलूरू रवाना ।
सारनी। कला और साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा आगामी 1 फरवरी से 4 फरवरी-24 तक बेंगलूरू में कला साधक संगम का आयोजन किया गया है। कला वह है जो बुराईयों के बंधन काटकर मुक्ति प्रदान करती है । अर्थात सा कला या विमुक्तये ।संस्कार भारती का ध्येय वाक्य है। इसी उद्देश्य के लिए संस्कार भारती की स्थापना की गई है।मध्य भारत प्रांत के सह महामंत्री मोतीलाल कुशवाह ने बताया कि एक फरवरी से चार फरवरी- 24 तक चार दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम का कार्यक्रम आयोजित है।
जिसमें देश के सभी प्रांतो से संस्कार भारती के लगभग दो हजार अपेक्षित पदाधिकारी , सदस्य उपस्थित रहेंगे । उल्लेखनीय है कि 2 दिन इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्यनीय सरसंघचालक माननीय मोहनराव भागवत जी का मार्गदर्शन भी मिलने वाला है। पूर्वोत्तर भारत से लेकर उत्तर भारत के साथ दक्षिण,पश्चिम क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व इस कार्यक्रम में होने वाला है। मोतीलाल कुशवाह प्रांत सह-महामंत्री मध्य भारत प्रांत ने बताया कि कला के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने के उद्देश्य से संस्कार भारती की स्थापना 1981 में लखनऊ में की गई। संस्कार भारती के पृष्ठ भूमि में स्व.भाऊराव देवरस,हरिभाऊ वाकणकर, बाबा योगेन्द्र जी का चिंतन और मनन था। सन 1990 से विभिन्न विधा को लेकर कला साधक संगम के अधिवेशन प्रत्येक वर्ष कला साधक संगम के रूप में आयोजित किये जा रहे हैं। जिसमें नृत्य,नाट्य,संगीत,साहित्य, लोककला, चित्र कला,भू-अंलकरण,प्राचीन कला का समावेश रहता है। देश में 1200 से अधिक इकाई कार्य कर रही है। श्री कुशवाह ने बताया कि मध्य भारत प्रांत से 43 सदस्य बेंगलूरू में आयोजित कला साधक संगम अधिवेशन में सम्मिलित होंगे ग्वालियर, भोपाल से भी सदस्य इस कला साधक संगम में उपस्थित रहेंगे। बैतूल जिले से मोतीलाल कुशवाह , विद्या ताई निरगुडकर , अंबादास सूने, श्याम राव महसकी,योगेन्द्र ठाकुर,यश कुशवाह,संतोष प्रजापति, पवन मेहरा , पुष्प लता बारंगे, पी एन बारंगे, अमित सल्लाम, प्रताप धुर्वे,प्रवीण धुर्वे ,निखील धुर्वे कला साधक संगम में सम्मिलित होने आज बैतूल से रवाना हुए।