वन भूमि में बेखौफ चल रहा रेत का अवैध उत्खनन को लेकर बैतूल कलेक्टर से हुई शिकायत
1500 के टोकन पर चल रहे ट्रैक्टर ट्राली
अवैध उत्खनन से वनो को भारी नुकसान।
सारणी । लोनिया खैरवानी ग्राम की वन भूमि की नदी से रेत निकालने का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। वन भूमि से रेत के उत्खनन से आसपास के वनों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। रेत का बड़े पैमाने पर उत्खनन करके रेत का भंडारण करके छिंदवाड़ा एवं बैतूल जिले में डंपरों के माध्यम से चोपना की रॉयल्टी पर बेचा जा रहा है। इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के संभागीय अध्यक्ष ने जिला कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी से मुलाकात कर कार्यवाही की मांग की है।बताया जाता है कि लोनिया एवं खैरवानी नदी रेत खदान आवंटित हुई है परंतु रेत ठेकेदार ने बीते साल भी रायल्टी नही ली थी।इस साल भी नए रेत ठेकेदार ने रॉयल्टी लिए बगैर रेत का अवैध उत्खनन वन भूमि से शुरू कर दिया है। रेत का खनन वन क्षेत्र के बीच नदी से किया जा रहा है । वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से रेत खनन का कार्य किया जाता है। इतना ही नहीं खनिज विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारी मुखबिरी का काम भी करते हैं। रेत माफियो को कारवाही से पहले ही सूचना मिल जाती है। जिसकी वजह से रेत माफिया चौकाने होकर ट्रैक्टर ट्राली एवं डंपर लेकर फरार हो जाते हैं। बताया जाता है कि ट्रैक्टर ट्राली से टोकन याने डब्ल्यूआर के नाम पर 1500 रूपये वसूले जा रहे है। जिसकी वजह से मंहगे दाम पर रेत बिक रही है। लोनिया एवं खेरवानी से 20 से 25 ट्रैक्टर ट्राली रेत की ढुलाई कर रहे है। रेत सारनी पाथाखेड़ा केआसपास 3500 से 4000 में बेची जा रही है। खैरवानी ग्राम से अवैध रूप से निकाली गई रेत नगर पालिका क्षेत्र के वार्डो में ट्रैक्टरों के माध्यम से जगह जगह पहुंचाई जाती है। खैरवानी से अवैध रेत ट्रैक्टर से लाते हुए वन विभाग पुलिस थाना सारनी पड़ता है। लेकिन जिम्मेदारों की नजर अवैध उत्खनन एवं परिवहन कार्य करने वालों पर नहीं जाती है।वन क्षेत्र की नदियों से लगातार उत्खनन करने से वनों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।