मध्य प्रदेश शासन की विद्युत कंपनियां दे रही है बेरोजगारी को बढ़ावा,
प्रबंधन मे प्रभाव रखने वाले सेवानिवृत्ति अधिकारियों की नियम विरुद्ध हो रही है भर्तिया,
अभियंता संघ ने किया विरोध और कहा प्रदेश के तकनीकी कौशल अभियंताओं के साथ हो रहा है छलावा।
सारणी। मध्य प्रदेश शासन की मंशा के विपरीत प्रदेश के तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओ को रोजगार देने की जगह विद्युत कंपनियों में (मुख्यतः मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ) के प्रबंधन द्वारा सेवानिवृत्त अधिकारियों को विभिन्न माध्यम से पुनः सेवा मे लिया जाने हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है। विद्युत प्रबंधन के हठधर्मी रवैये से विद्युत कर्मियों मे भारी रोष व्याप्त है।
मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल अभियंता संघ के महासचिव विकास शुक्ला द्वारा बताया गया कि कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा विशेषज्ञों के नाम पर बैक डोर से अपने चहेते सेवानिवृत्त अधिकारियों को आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किया जा रहा है। जिसका अभियंता संघ पुरजोर विरोध करता है। ज्ञात हो कि प्रदेश की विजली का मूल्य प्रति यूनिट का निर्धारण एम.पी.ई.आर.सी. द्वारा किया जाता है, ऐसे मे उत्पादन कंपनी प्रबंधन के अव्यावहारिक निर्णय से (बहुतायत में सेवानिवृत्त अधिकारियों कि भारती से) प्रदेश के विजली मूल्य पर भी अतिरिक्त बोझ बढेगा, जो कि कहीं से कहीं तक प्रदेश के विद्युत कंपनियों, विजली उपभोक्ताओ और बिजली कर्मियों के हित मे नहीं है। साथ ही वे पूर्व में अपने अधिनस्त रहे अधिकारियों को आए दिन आदेशित करेंगे और वे उन्हें स्वीकारने हेतु ना चाहते हुए भी बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जवाब दारी अधिनस्त अधिकारी अभियंताओं की होगी एवं गाज भी उन्ही पे गिरेगी, चूंकि ऐसे विषशाज्ञों की कोई जवाबदारी तय नहीं होगी।
प्रबंधन द्वारा तर्क दिया जाता है की हमारे पास अनुभवी अधिकारियों की कमी है, जो कि पूर्णता: निराधार है, इस तरह की नियुक्तिया भाई-भतीजा वाद एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के अतिरिक्त और कुछ नही है। *अत्यंत खेद का विषय यह है कि प्रदेश के जिन नवीन पावर हाउस के निर्माण के लिए पूर्व में ही कंपनी ने कंसल्टेंट के रूप में देश की सर्वोच्च तापीय विद्युत उत्पादन कंपनी एनटीपीसी (विद्युत उत्पादन गृह निर्माण कि विशेषज्ञ) को मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने लगभग 150/- करोड़ रुपए देकर टेंडर बनाने से लेकर विद्युत गृह के संपूर्ण निर्माण तक के लिए हायर किया हुआ है, उन्ही नए पावर हाउसों को निर्माण हेतु विशेषज्ञ की नियुक्ति की जानी है । यहां यह भी उल्लेखित करना अनिवार्य होगा कि ये विशेषज्ञ जो होंगे उनका नाम भी किसी से छुपा नहीं है खुली विज्ञप्ति मात्र एक ढकोसला है वास्तव में इन्हे भूत पूर्व मुख्य अभियंता श्री ए के शर्माजी को पुनः नियुक्त करना है (जिनका संपूर्ण कार्यकाल ही विवादास्पद एवम संदेहास्पद रहा है)।*
*उपरोक्त के परिपेक्ष्य में अभियंता संघ ने पत्र लिख कर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री जी से मांग की है कि अनावश्यक रूप से एवं नियम विरुद्ध की जा रही सेवानिवृत्त अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में स्वसंज्ञान हस्तक्षेप करते हुए तत्काल प्रभाव से स्थगित की जावे एवम पूर्व में भी हुए ऐसे सभी नियुक्तियों को निरस्त करने हेतु सम्बंधितों को निर्देशित किया जावे, साथ ही कंपनियों में रिक्त समस्त पदों पे पदोन्नत / उच्च प्रभार देने हेतु निर्देशित करें ।* जिससे मध्य प्रदेश के तकनीकी प्राप्त युवाओ के साथ अन्याय न हो, एवम आपके नेतृत्व मे प्रदेश के उपभोक्ताओ को सस्ती बिजली निर्वाध रूप मिलती रहे। विद्युत कर्मियों की सहानुभूति पूर्वक मांग से मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी घोषणा बड़ी संख्या में “बेरोजगारों को रोजगार” देने की मांग को भी संबल मिलेगा एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा रोजगार देने वाली घोषणा पर अमली जामा पहनाया जा सकेगा चूंकि इनही विद्युत कंपनियां में भरी कार्मिकों है। जिससे प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी होगी एवं प्रदेश का आर्थिक विकास होगा। साथ ही जो विद्युत विभाग के नियमित अधिकारी 05 से 35 वर्ष से कंपनियों में अपनी निरंतर सेवाएं देने के पश्चात भी पदोन्नति की वाट जोह रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्त से पूर्व पदोन्नति पाने के अवसर प्राप्त होंगे एवं वे नवीन जिम्मेदारियां, नव विचार अथवा नवीन तकनीक के माध्यम से कंपनी को लंबे समय तक नई ऊंचाइयां प्रदान करेंगे।