देश के अलग अलग प्रदेश के अभियंता संघ ने म.प्र. सीएम से लिखित समझौते के कार्यान्वयन के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया

RAKESH SONI
New Update 3d rendering on white background.

देश के अलग अलग प्रदेश के अभियंता संघ ने म.प्र. सीएम से लिखित समझौते के कार्यान्वयन के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया

सारणी। आंध्रप्रदेश,पंजाब,कश्मीर,उत्तर प्रदेश,उत्तरांचल एवं अन्य सभी प्रदेशो के अभियन्ता संघ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और राज्य और बिजली इंजीनियरों के बीच 7 जुलाई के समझौते को तत्काल लागू करने के लिए बिजली क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है।अनिश्चित कालीन कार्यबहिष्कार के दौरान हम सभी मध्य प्रदेश के विधुत कर्मियों के साथ है किसी भी विषम परिस्तिथि में हम मध्य प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सहयोग नही कर सकेंगे

सभी प्रदेश के अध्यक्ष/महासचिव ने 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया कि यदि सरकार समय पर मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो मध्य प्रदेश के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारी 28 जून को एक दिवसीय हड़ताल पर चले गए थे और राज्य सरकार और कर्मचारियों के बीच सात मांगों पर 7 जुलाई को हुए समझौते के बाद 10 जुलाई से अपनी तीन दिवसीय हड़ताल स्थगित कर दी थी। अब तीन माह बीतने के बाद भी एक भी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। राज्य सरकार द्वारा सात जुलाई को बिजली अभियंताओं के साथ किये गये लिखित समझौते का सम्मान करते हुए उसे अविलंब लागू किया जाये. सभी प्रदेशो के अभियन्ता संघ ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि यदि मध्य प्रदेश के बिजली इंजीनियर विरोध हड़ताल पर जाते हैं तो उन्हें उनके प्रदेश के बिजली इंजीनियरों द्वारा पूरा समर्थन दिया जाएगा। सभी प्रान्तों के अध्यक्ष ने अपने ने अपने पत्र में गंभीर मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. एवं सभी ने अपने पत्र में स्पष्ठ लिखा कि लिखित समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है, इसलिए मध्य प्रदेश राज्य के बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की योजना बनाई है। चुनाव के दौरान या अन्य किसी भी प्रकार की बिजली व्यवधान की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
अभियंताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकार से निजीकरण रोकने, पेंशन सुरक्षा, सातवां वेतन में ओ3 स्टार विलोपित करने,आयोग लागू करने, वृद्धावस्था पेंशन नीति लागू करने समेत अन्य मांग की है. इसमें आगे उल्लेख किया गया है कि यदि बिजली इंजीनियर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाते हैं, तो उन्हें देश भर के बिजली इंजीनियरों द्वारा पूरा समर्थन दिया जाएगा।

Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!