भड़ूस हाईस्कूल को नारी उत्थान समिति ने दी पैडबैंक की सौगात
छात्राओं को मुश्किल वक्त में नहीं होना पड़ेगा परेशान
बैतूल। जिले में मासिक धर्म की भ्रांतियों के प्रति किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को जागरुक करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न स्कूलों, छात्रावासों, थानों, फैक्ट्री में पैड बैंक खोलकर बालिकाओं एवं वर्किंग वूमन्स को पैड बैंक के माध्यम से सुविधा देने का प्रयास किया है।
बालिकाओं के स्वास्थ्य और हाइजिन के साथ सुरक्षा से जुड़े इस मिशन से जुड़कर नारी उत्थान समिति जिला क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज संगठन द्वारा शासकीय हाई स्कूल भडूस में सशक्त सुरक्षा पेडबैंक की सौगात दी गई। इस दौरान स्कूल की छात्राओं को मासिक धर्म एवं इससे जुड़ी भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समिति की अध्यक्ष संगीता घोड़की ने बताया कि स्कूल में आसपास के गांवों से भी छात्राएं आती है। इन बालिकाओं को पैड बैंक से आसानी से पैड उपलब्ध हो सकेंगे। संस्था की सदस्य अनुराधा देशमुख ने कहा कि जब हम स्कूल में पढ़ते थे तो पैड क्या होता है यह भी नहीं जानते थे। स्कूल में पैड बैंक होने से अचानक पीरियड आने पर परेशान नहीं होना पड़ेगा। सशक्त सुरक्षा पैड बैंक की अवधारणा जिले में प्रारम्भ करने वाली बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी बालापुरे पदम ने उन दिनों में सेहत का अधिक ध्यान रखने, आराम करने और भ्रांतियों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पैड को 5- 6 घण्टे के अंतराल में बदलने और अनियमित मासिक धर्म या अधिक दर्द होने झिझक छोड़कर डॉक्टर के पास जाने की भी समझाइश दी।चेताली गौर ने छात्राओं को मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया और नारी शक्ति पर कविता भी सुनाई। कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्राचार्य सुरेखा साबले ने स्कूल की छत्राओ के लिये की गई संवेदनशील पहल के लिए नारी उत्थान समिति व श्रीमती पदम के प्रति आभार व्यक्त किया।
इनके प्रयासों से खुला पैड बैंक
कार्यक्रम में नारी उत्थान समिति की अध्यक्ष संगीता घोड़की सहित अलका वागद्रे, संगीता देशमुख, अनुराधा देशमुख, विभा वागद्रे, योगिता बर्डे, सिद्धलता महाले, राजेश्वरी लिखितकर, सुमित्रा महाले, सुनिता देशमुख, कविता धोटे, वर्षा खाड़े, माधुरी साबले, लता चढ़ोकार, अलका खंडाग्रे, सुरेखा साबले, योगिता गायकवाड़ प्रमुख रुप से मौजूद थी। नारी उत्थान समिति के उक्त पदाधिकारी व सदस्यों के प्रयासों से छात्राओं को पैड बैंक की सुविधा मिली।