अमरनाथ यात्रा जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से कैसे पहुंचे अमरनाथ की गुफाओ तक
Kolkata।अमरनाथ यात्रा के बारे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी स्थल पर भगवान शिव ने माता पार्वती को मोक्ष का मार्ग दिखाया था। इस ज्ञान को अमर कथा के नाम से जाना जाता है इसलिए इस पवित्र स्थल का नाम अमरनाथ पड़ा।
कैसे पहुंचे अमरनाथ गुफा?
अमरनाथ गुफा देश के जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है। गुफा में पहुंचने के दो रास्ते हैं। अनंतनाग जिले के ३६ किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से और गांदेरबल जिले के १४ किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से। पहलगाम या बालटाल तक आप किसी भी वाहन से पहुंच सकते हैं। इससे आगे का रास्ता आप पैदल चलकर या टट्टू पर बैठकर भी पूरा कर सकते हैं। पहलगाम और बालटाल से ही अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। श्रीनगर से पहलगाम या बालटाल आसानी से पहुंचा जा सकता है।
यहां करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा १ जुलाई से शुरू होगी और ३० अगस्त रक्षा बंधन पर समाप्त होगी। अमरनाथ यात्रा के लिए सरकार ने १० अप्रैल को शेड्यूल जारी कर दिया था। अमरनाथ यात्रा को करने के लिए सरकार ने उम्र निर्धारित कर रखी है। यात्रा करने के लिए उम्र १३ साल से लेकर ७५ साल के बीच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि इस बार 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकते हैं। अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए १७ अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाकर इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं और इस साइट पर रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं।
हिमालय की गोद में स्थित हैं अमरनाथ बाबा
हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ बाबा का यह पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। यह एकमात्र शिवलिंग है, जिसका आकार चंद्रमा की रोशनी के आधार पर तय होता है। यह शिवलिंग सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पूरा हो जाता है और उसके बाद आने वाली अमावस्या तक आकार में काफी छोटा हो जाता है। मान्यता है कि एक मुस्लिम गड़रिए ने बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की खोज की थी। आज भी उसके वंशजों को बाबा के दान में चढ़ाई गई राशि का एक हिस्सा दिया जाता है।
तीर्थों का तीर्थ है अमरनाथ
अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं। अमरनाथ मंदिर भारतीय हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है तथा यह भगवान शिव के प्रख्यात मंदिरों में जाना जाता है। भगवान शिव का यह भव्य अमरनाथ मंदिर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से लगभग १३४ किलोमीटर दूर है और समुद्र तल से १३६०० फुट की ऊंचाई पर बना हुआ है। अमरनाथ मंदिर और इस मंदिर की गुफाएं भगवान शिव और माता पार्वती के अमरत्व से जुड़ी हुई है। यही कारण है कि इस अमरनाथ धाम को तीर्थों का तीर्थ कहकर भी बुलाया जाता है।
अमरनाथ मंदिर की गुफा बेहद रहस्यमय है जहां हर साल बर्फ द्वारा भगवान के अदभुद शिवलिंग का निर्माण होता है जिनकी संरचना को स्वयंभू हिमानी शिवलिंग के नाम से जाना जाता है।