श्रृद्धांजलि कार्यक्रम में पिता की याद में किया पौधरोपण, ली देखभाल की जिम्मेदारी
पिता को इससे बड़ी कोई श्रद्धांजलि नही हो सकती: शिक्षक नानकराम वर्मा
अपनी की स्मृति में लगाया गया पौधा, ब्रह्मभोज से भी बड़ा है पुण्य का कार्य।
शाहपुर। ब्लॉक के बांकाखोदरी गांव में वर्मा परिवार ने श्रृद्धांजलि कार्यक्रम में अपने पिता की पुण्य स्मृति में पौधारोपण किया हैं। बांकाखोदरी निवासी 89 वर्षीय हरभजन वर्मा का 12 दिन पूर्व स्वर्गवास हो गया था। बुधवार को उनकी तेहरवीं पर उनकी याद में बेटे ने उनकी स्मृति में दुधिया देव स्थान स्थित पर आम का पौधा लगाया एवं इस वृक्ष को पालने की जिम्मेदारी भी ली।
वही एकीकृत हाई स्कूल कुण्डी के प्राचार्य जी.आर.बर्डे एवं सहयोगी शिक्षक को एक काजू का पौधा भेंट किया वही शास.माद्यमिक शाला बांकाखोदरी के शिक्षक संतोष मेहरा एवं सहयोगी शिक्षक कृष्ण कांत कास्दे को जाम का पेड़ भेंट किया गया।
ग्राम पंचायत कुण्डी के सरपंच वीरेंद्र सिंह उइके को भी एक पौधे भेंट किया
इस अवसर पर शिक्षक नानकराम वर्मा(बड़े पुत्र) ने कहा की अपने स्मृति शेष पिता की याद में अगर हम कोई पेड़ लगाते हैं तो वह हमें आजीवन उनकी याद दिलाता रहेगा। पेड़-पौधों का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए मनुष्य को अपने बुजुर्गों और प्रियजनों की याद में कम से कम दो पेड़ अवश्य लगाने चाहिए। वहीं उनके छोटे बेटे श्याम वर्मा के अनुसार उनके पिता को इससे बड़ी कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती की उनके नाम पर लगाया गया वृक्ष हरा-भरा रहे और शीतल छाया दे। हर मानव पर प्रकृति का ऋण होता है जो न केवल जीते जी अपितु मरने के बाद भी रहता है। अगर हम उनकी स्मृति में उनके नाम से कोई पौधा लगाते हैं तो यह ब्रह्मभोज से भी बड़ा पुण्य का कार्य हैं। मोहित व रोहित(पोते) ने बताया की आज हमने पेड़ पौधे लगाए तो आने वाली पीढि़यों को भी उसका लाभ होगा। विगत कुछ दशकों में मानव ने पेड़ों को काटा ही नहीं! बल्कि एक तरह से उनकी सामूहिक निर्मम हत्या की है। इस अवसर पर राजेश वर्मा, नवील वर्मा(पत्रकार), श्याम वर्मा(छोटे पुत्र), अतुल चौरे, अनिल वर्मा, दिपचंद वर्मा, कीर्ति, उषा, रिंकी, गीता, शशिकला, स्वाति, रजनी और संजू वर्मा उपस्तित रहे।।