ऐसे ही 8 वर्षों से बैतूल में जारी नहीं है भलाई की सप्लाई
सडक़ हादसे में तड़पते घायलों की मदद के लिए सैकड़ों ऑटो बनी एम्बुलेंस
पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल ने आगे आकर ली शवों के परिवहन की जिम्मेदारी
बैतूल। जिला मुख्यालय सहित अंचल आमला एवं मुलताई में बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा संचालित ऑटो एम्बुलेंस योजना का संचालन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय पर सितंबर 2016 में प्रारंभ की गई योजना का विस्तार तीन साल में हुआ और 15 दिसंबर 2019 को आमला एवं 5 जनवरी 2020 को मुलताई में ऑटो एम्बुलेंस योजना प्रारंभ की गई है।
योजना से जुड़े सैकड़ों ऑटो चालकों ने सडक़, ट्रेन एवं अन्य हादसों में घायलों को तत्परता से अस्पताल पहुंचाकर घायलों की जान बचाई है। जिले के तीन शहरों में संचालित इस योजना से इन शहरों के लगभग हर ऑटो चालक सम्बद्ध है। पिछले आठ वर्षों में रात हो या दिन सेवा देने में तत्परता दिखाई। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम ने बताया कि योजना का सफलता पूर्वक संचालन संभव ही नहीं हो पाता यदि जिले के सेवा में अग्रणी परिवारों का वित्त पोषण एवं पुलिस, यातायात, परिवहन, स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन का सहयोग प्राप्त न होता। लम्बे अंतराल के बाद जिले के उन सभी ऑटो एम्बुलेंस चालकों का सम्मान 15 जुलाई को किया जा रहा है। समाजसेवी बलवीर मालवीय अपने जन्म दिन 15 जुलाई के अवसर पर ऑटो एम्बुलेंस चालको का सम्मान करेंगे। स्व. अभिषेक छोटू मालवी की स्मृति में आयोजित समारोह में जिले के उन ऑटो एम्बुलेंस चालकों को जीवन रक्षक सम्मान से नवाजा जाएगा जो किसी हादसे के बाद घायलों के लिए जीवन रक्षक बन गए।
इनके सहयोग से दौड़ रही ऑटो एम्बुलेंस
ऑटो एम्बुलेंस योजना का संचालन जनसहयोग से ही संभव हो पा रहा है। सडक़, ट्रेन या अन्य हादसों में घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के बाद ऑटो चालकों को प्रोत्साहन राशि संस्था के माध्यम से भेंट की जाती है। जिले में भलाई की सप्लाई से पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल, डॉ ममता श्रीवास्तव, डॉ जया श्रीवास्तव, आरडी पब्लिक स्कूल, नीरजा श्रीवास्तव अनुराग मिश्रा, अनूप जायसवाल, सीए प्रदीप खण्डेलवाल,जमना पंडाग्रे, नीलम वागद्रे, मेहरप्रभा परमार, सरिता अतुलकर, मंजू लंगोटे, दीपक सलूजा, धीरज बोथरा, धीरज हिराणी, डॉ नूतन राठी, माधुरी पुजारे, माधवी ठाकुर, ललिता मानकर, मंजुला पाठक, मुकेश गुप्ता, एसडीओपी नम्रता सोंधिया, अमित गोठी, तुलसी मालवी, डॉ विनय सिंह चौहान, योगी खण्डेलवाल, अनिल खवसे, डॉ दीप साहू, बलवीर मालवीय, ओमवती विश्वकर्मा, प्रचिति कमाविसदार जुड़े हुए है। आमला में समाजसेवी मनोज विश्वकर्मा एवं मुलताई में बोथरा वस्त्र भंडार के संचालक दीपेश बोथरा के संयोजन में ऑटो एम्बुलेंस योजना का सफल क्रियान्वयन जारी है।
शवों की जिम्मेदारी पूर्व सांसद ने ली
सडक़ हादसों के दौरान बैतूल एवं मुलताई क्षेत्र में 30 शवों का परिवहन ऑटो चालकों ने किया है। इन ऑटो चालकों को शव परिवहन के लिए एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल द्वारा दी जाती है। अक्सर पुलिस भी ऑटो चालकों की मदद शव परिवहन के लिए लेकर क्रियान्वयन समिति को सूचित करती है। ऑटो एम्बुलेंस योजना का प्रारब्ध भले ही बैतूल जैसे छोटे एवं आदिवासी जिले से हुआ है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली, लखनऊ, रायपुर, कोटा, पुणे जैसे शहरों में भी ऑटो एम्बुलेंस दौडऩे लगी है।
तीन शहर, 8 साल, 591 दुर्घटना, 690 घायल, 30 शव
जिले के तीन शहरों में पिछले आठ वर्षों में ऑटो एम्बुलेंस चालकों ने सडक़ हादसे में घायलों के साथ-साथ वन्य प्राणी लंगूर, गौवंश की भी मदद की है। गौरतलब है कि बैतूल में 16 सितंबर 2016 को पहली बार ऑटो एम्बुलेंस दौड़ी थी। 16 सितंबर 2016 से 9 जुलाई 2023 तक बैतूल के सैकड़ों ऑटो चालकों ने 446 दुर्घटनाओं में 515 घायलों एवं 27 शवों का परिवहन किया। 15 दिसंबर 2019 से अब तक आमला में 35 दुर्घटनाओं में 39 घायलों की जान बचाई गई वहीं 5 जनवरी 2020 से अब तक 110 दुर्घटनाओं में 136 घायलों के लिए ऑटो एम्बुलेंस दौड़ी। तीन शहरों के ऑटो एम्बुलेंस चालको ने 591 दुर्घटनाओं में 690 घायलों एवं 30 शवों का परिवहन किया गया। कोराना काल में भी ऑटो एम्बुलेंस के पहिए थमे नहीं बैतूल में 5 एवं आमला में 8 ऑटो एम्बुलेंस चालकों ने पीपीई किट पहनकर सैकड़ों पॉजिटिव मरीजों को इस दौरान अस्पताल, कोविड केयर सेंटर एवं अस्पताल से घर पहुंचाया।चार प्रकरणों में ऑटो एम्बुलेंस चालकों द्वारा नि:शुल्क सेवा दी गई। योजना के क्रियान्वयन में संस्था सचिव भारत पदम, ईश्वर सोनी, प्रदीप निर्मले, हर्षित पंडाग्रे, सुमित नागले, नीलेश उपासे, वंश पदम, जमुना पंडाग्रे का निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है।