मध्य प्रदेश सरकार बिजली पेंशनर्स को ट्रेजरी से पेन्शन देने की व्यवस्था करे :- यूनाइटेड फोरम।  13 जून भोपाल में पेंशनरों का जंगी प्रदर्शन

RAKESH SONI

मध्य प्रदेश सरकार बिजली पेंशनर्स को ट्रेजरी से पेन्शन देने की व्यवस्था करे :- यूनाइटेड फोरम। 

13 जून भोपाल में पेंशनरों का जंगी प्रदर्शन

सारनी। मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम उत्पादन क्षेत्र सारनी के प्रचार सचिव अंबादास सूने ने बताया कि यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय अध्यक्ष व्ही के एस परिहार प्रदेश व्यापी दौरे के अंतर्गत सतपुड़ा ताप विद्युत गृह क्रमांक 4 के कान्फ्रेंस हाल में उपस्थित हुए ।इसके पूर्व श्री परिहार सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया जिला खंडवा , छिंदवाड़ा में पेंशनर्स और वर्तमान के नियमित अधिकारी कर्मचारीयों को आने वाली चुनौतियों के लिए जागरूक करते हुए सारनी पहुंचे। पावर प्लांट के कान्फ्रेंस हाल में यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय अध्यक्ष व्ही के एस परिहार का मुख्य अभियंता व्ही के कैथवार, अतिरिक्त मुख्य अभियंता ए के एस राठौड,राजीव सिंह और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीयों ने पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। उपस्थित अधिकारी कर्मचारीयों को संबोधित करते हुए श्री परिहार ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में कार्मिकों को ट्रान्सफर करने के साथ ही पेन्शन फंड की व्यवस्था करना था, जो नहीं की गई। छत्तीसगढ राज्य ने पेन्शन के लिए 600 करोड की व्यवस्था उस समय की भाजपा सरकार ने की। मध्यप्रदेश को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने पेन्शन की व्यवस्था की है। 2012 में अभियंता संघ ने नियामक आयोग में पिटीशन लगाई।पेंशनर्स के लिए फंड टैरिफ से कलेक्ट करने की व्यवस्था की गई। उपभोक्ताओं पर ओवर लोड नही होना चाहिए । राज्य शासन और विद्युत कंपनीयों ने फंड की व्यवस्था नही की। वितरण कंपनीयों ने फंड की मांग नहीं कर लापरवाही की। श्री परिहार ने बताया 2012 से 2017 तक पेन्शन फंड में 120 करोड जमा करना था जिस पर किसी का ध्यान नहीं था।अभियंता संघ ने नियामक आयोग में रिट पिटीशन 13/2018 लगाई। नियामक आयोग के आदेश का खुला उल्लंघन होता रहा। पहली बार सभी डिस्काम कंपनियों पर नियामक आयोग ने कठोर कार्रवाई कर एक – एक लाख रुपए की पेनल्टी लगाई । पेनल्टी की कार्रवाई देश में पहली बार की । कंपनी केडर ने भी अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में 660 मेगावाट की ईकाई को ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से बनाने का विरोध किया और किसी भी प्रकार के निजीकरण का यूनाइटेड फोरम विरोध करेगा। **बिजली अधिकारी कर्मचारियों की समस्या सुनने के लिए मुख्यमंत्री के पास समय नहीं*

अध्यक्ष व्ही के एस परिहार ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को विद्युत संस्थानों के अधिकारी कर्मचारीयों की समस्याओं के समाधान के लिए समय नहीं हैं। बिजली विभाग को 7 वां वेतनमान और नवम्बर 2021 में महंगाई भत्ते का आदेश यूनाइटेड फोरम की संगठित शक्ति के कारण संभव हुआ।फोरम ने चेतावनी दी हैं कि सरकार ने पेंशन को ट्रेजरी के माध्यम से देने की व्यवस्था नहीं की तो इस बार आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। इस लड़ाई में सतपुड़ा संकुल के अधिकारी कर्मचारीयो की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 

 जनप्रतिनिधियों को दिए गए ज्ञापन

संगठन की ओर से प्रदेश के पेंशनरों की ओर से अपनी-अपनी विधानसभा में जनप्रतिनिधि जैसे विधायक सांसद मंत्री सभी को ज्ञापन दिए गए । ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया गया जल्द से जल्द पेंशनरों की समस्या पर संज्ञान लें लेकिन जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने के बाद भी पेंशनरों की समस्या का कोई हल नहीं निकला।

13 जून भोपाल में जंगी प्रदर्शन

यूनाइटेड फोरम उत्पादन सारणी के प्रचार सचिव अंबादास सूने ने बताया कि विद्युत विभाग के सभी पेंशनर घटक दल एक होकर 13 जून भोपाल में जंगी प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें मुख्य मांग पेंशनरों की रखी गई है बिजली कंपनियों में पेंशनरों की संख्या 55 हजार के लगभग है कार्यक्रम में पूरे मध्यप्रदेश के हर जिले से पेंशनर एकत्रित हो रहे हैं जो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। सरकार ने जल्द से जल्द पेंशनरों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले विधान सभा चुनाव में सरकार की मुश्किल खड़ी हो सकती है।

7 सूत्री मांगे

1. बिजली कंपनियों की पेंशन उत्तर प्रदेश सरकार की तरह पेंशन की गारंटी सरकार लेकर ट्रस्ट बनाया जाए।

2. मध्य प्रदेश विद्युत मंडल में केंद्रीय दर एवं तिथि से महंगाई राहत का भुगतान बिना राज्य के आदेश की अनिवार्यता के किया जाता है इस प्रणाली को पुनः बहाल किया जाए।

3. विद्युत पेंशनर एवं उनके आश्रितों का कैशलैस इंश्योरेंस 20 लाख रुपए कराया जाए।

4. पुरानी पेंशन स्कीम शीघ्र लागु की जाए

5. वेतन एवं ग्रेड पे की विसंगति दूर की जाए।

6. छठवें वेतनमान की बकाया 32 माह की राशि एवं सातवें वेतनमान की बकाया 27 मई की राशि का भुगतान किया जाए.

7. बिजली विभाग में वर्ष 1997 से 2012 के मध्य लगभग 5600 सामान्य मृत्यु अनुकंपा आश्रित नियुक्ती प्रकरण है बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ती दी जाए।

इस अवसर पर पियूष गुप्ता, एस एन सिंह, सी पी ठुकराल, सुभाष गुप्ता,एस एन अतहर, डी पी मिश्रा, राजेश सहारिया, अनुप कुमार त्रिपाठी, हरिओम टेलर,हिरेश तिवारी, सुनील सेलकरी,ज्ञानेश्वर पाटील, मोहनलाल सोनी,कमल जैन ,एम एम वाइकर , आशित वर्मा, मंचित पाटील,आर के बावसकर, प्रवीण राय, कुंदन सिंह राजपूत,शशी कुमार प्रजापति,जितेंद्र खाकरे, डी डी देशमुख, एम के राय, नंदकिशोर साहू ,संजीव अरोरा, एम एस बुंदेला , उल्लास देशमुख और जनरेशन विंग के प्रचार सचिव अंबादास सूने सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे।

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