गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मानव अधिकार आयोग मध्य प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष मुलताई पहुंचे l भारत के लिए ही नहीं गांधी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है: डीडी धर्माधिकारी l

RAKESH SONI

गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और मानव अधिकार आयोग मध्य प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष मुलताई पहुंचे l

भारत के लिए ही नहीं गांधी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है: डीडी धर्माधिकारी l

मुलताई। गांधी पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक है सिर्फ भारत के लिए ही नहीं। विशेषकर आज जब जीवन मशीनी हो रहा है, पर्यावरण को बचाने के लिए, जीवन निर्वाह के लिए, स्वास्थ्य के लिए सभी क्षेत्रों में गांधीजी ने काम किया है। यह कहना है। मुलताई पहुंचे गुजरात हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और मानव अधिकार आयोग मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पद पर पदस्थ रहे सेवानिवृत्त न्यायाधीश डी डी धर्माधिकारी का वह मुलताई में

जन्मे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक गांधीवादी और लेखक दादा धर्माधिकारी की 125 वी जयंती के अवसर पर 18 जून को उनकी जन्मस्थली मुलताई में आयोजित होने वाले जन्म जयंती समारोह की तैयारियों के लिए मुलताई पहुंचे थे । सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डीडी धर्माधिकारी ने अरिहंत लान पहुंचकर 8 जून को होने वाले कार्यक्रम की व्यवस्थाओं पर स्थानीय लोगों से चर्चा की । इसके उपरांत वह विश्राम ग्रह पहुंचे जहां नगर पालिका अध्यक्ष नीतू प्रह्लाद परमार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तृप्ति पटैरया से आगामी कार्यक्रम को लेकर चर्चा की। इसके उपरांत उनका काफिला ताप्ती मंदिर पहुंचा जहां मां ताप्ती की पूजा अर्चना के बाद शासकीय महाविद्यालय पहुंचे जहां पर दादा साहब धर्माधिकारी के नाम से बने कक्ष का जायजा लिया। इस अवसर पर शासकीय महाविद्यालय की प्राचार्य वर्षा खुराना ने कक्ष के नामकरण को लेकर आवश्यक जानकारी से उन्हें अवगत कराया। इसके उपरांत विश्राम गृह में पत्रकारों द्वारा उनसे पूछा गया कि स्वतंत्रता के नायकों में से एक दादा धर्माधिकारी के विचार और आदर्शों से उनके गृह जिले की युवा पीढ़ी अनभिज्ञ उन्हें अवगत क्यों नहीं कराया गया डीडी धर्माधिकारी ने कहा कि दादा धर्माधिकारी का जन्म मुलताई में हुआ शिक्षा मध्यप्रदेश में हुई किंतु कर्म स्थली नागपुर रही है। उन्होंने व्रत लिया था कि मैं कोई पद नहीं लूंगा गांधी के विचारों का प्रचार प्रसार करूंगा और उन्होंने अपना पूरा जीवन इसी में लगाया। गांधी विचारों के संबंध में उन्होंने कहा कि महान गांधीवादी राज गोपाल जी को जापान ने आमंत्रित किया था इसका अभिप्राय है कि जापान गांधी के विचारों से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि आपको लग रहा है कि गांधी पिछड़ गए हैं। किंतु ऐसा नहीं है इस देश में गांधी के विचारों की महत्ता हमेशा रहने वाली है क्योंकि हम क्या कभी बुद्ध और महावीर को भूल सकते हैं। इस अवसर पर उनके साथ राजीव खंडेलवाल, बसंत बाबा मकोड़े ,कार्यक्रम संयोजक राजू पाटनकर ,दौरान पंडित विश्वकसेन देशमुख, भाजपा नेता तपन खंडेलवाल, अधिवक्ता प्रशांत भार्गव भी उपस्थित थे।

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