ताप्ती तट बना बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणीयों की उपस्थिति का गवाह ,10 दिवसीय श्रामनेरी प्रवज्या समारोह प्रारंभ

RAKESH SONI

ताप्ती तट बना बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणीयों की उपस्थिति का गवाह ,10 दिवसीय श्रामनेरी प्रवज्या समारोह प्रारंभ

 मुलताई। नगर का ताप्ती तट आज बौद्ध संतो बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणीयों की उपस्थिति का गवाह बना अवसर था ताप्ती तट पर पर स्थित आनंद बौद्ध विहार में 10 दिवसीय श्रामनेरी प्रवज्या समारोह शिविर का। इस समारोह का शुभारंभ नगर में रैली निकालकर किया गया। इस रैली में बड़ी संख्या में बुद्ध अनुयाई बुद्ध की प्रतिमा लिए रैली के रूप में ताप्ती तक से निकले संपूर्ण नगर में भ्रमण के बाद बुद्ध रैली का समापन तब तट पर हुआ इसके बाद ताप्ती तट पर केस कप्पन की विधि पूर्ण की गई इस 10 दिन भी शिविर के लिए बीते 1 सप्ताह से तैयारियां की जा रही थी जो बीते कल तक पूरी हुई ।

         शिविर में मुख्य रूप से आज सुबह 7 बजे आनंद बौद्ध विहार से अंबेडकर चौक होते हुए ताप्ती तट पहुंचे जहा पर 16 महिलाओं का केस कप्पन किया गया, जिसके बाद सभी श्रामणेरी बनी। जो अगले दस दिनों तक बुद्ध के द्वारा बताए गए 10 शील का पालन करेंगे। भिक्षुणी साक्य धम्मदिन्ना जी के द्वारा पहली बार दुर्लभ प्रवज्या का मुलताई में 10 दिवसीय समारोह आयोजित किया जा रहा है।इस शिविर में मुख्य रूप से मेरठ से कुमारी राखी, भोपाल से प्रभा सिंदे, बुरहानपुर से अल्का बौद्ध, नागपुर से ममता मेढेले, तृप्ति मेंढे, सारणी से कंचन ढोके, ममता चौकीकर, संगीता तायडे, बैतूल से जसवंती जी, नीलम सूर्यवंशी, संगीता खातरकर, अंबाडा से कांता पंडाग्रे, देवभिलाई से चंद्रकला पाटिल, पट्टन से नीलू खातरकर आदि शामिल है।

दस शील इस प्रकार हैं

 अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य, नृत्य गान का त्याग, श्रृंगार-प्रसाधनों का त्याग, समय पर भोजन करना, कोमल शय्या का व्यवहार नहीं करना एवं कामिनी कांचन का त्याग

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