चीज़ क्या शाकाहारी है – जानिए चौकाने वाला सच डॉ सुमित्रा अग्रवाल से

RAKESH SONI

चीज़ क्या शाकाहारी है – जानिए चौकाने वाला सच डॉ सुमित्रा अग्रवाल से

यूट्यूब आर्टिफीसियल ऑय को (११ मिलियन व्यूज)

कोलकाता। क्या सिनेमा हॉल में जा कर सिनेमा देख के आने के बाद स्किन की समस्या आती है ?

याद कर के देखिये सिनेमा देखते समय बहुत मज़े से चीज़ पॉप कॉर्न का आनंद लिया गया था। 

तो क्या चीज़ में ऐसी कोई चीज होती है जो स्किन की समस्या देती है ? चीज़ है क्या ? कैसे बनता है ये चीज़ ? क्या इस के बनाने की प्रक्रिया में गाय के बच्चे से जुडी किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल होता है जो इसके शाकाहारी होने पर सवालिया निशाना सधता है ?

क्या आप जानते है रेनिन क्या है और उसका सम्बद्ध चीज़ से कैसे है ?

रेनिन, जिसे काइमोसिन भी कहा जाता है, प्रोटीन-पाचक एंजाइम जो केसीनोजेन को अघुलनशील कैसिइन में बदलकर दूध को गाढ़ा करता है। ये काइमोसिन जुगाली करने वाले जानवरों, जैसे गायों के केवल पेट में पाया जाता है। इसकी क्रिया उस अवधि को बढ़ा देती है जिसमें युवा पशु के पेट में दूध बना रहता है। जिन जानवरों में रेनिन की कमी होती है, उनमें दूध पेप्सिन की क्रिया द्वारा स्कंदित होता है जैसा कि मनुष्यों में होता है। रेनिन, रेनेट का एक व्यावसायिक रूप चीज़ तैयार करने में उपयोग किया जाता है।

कैसे बनता है चीज़ ?

युवा बछड़ों के सूखे और साफ पेट को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और फिर घोल के पीएच को कम करने के लिए कुछ सिरके या शराब के साथ नमक के पानी या मट्ठे में डाल दिया जाता है। कुछ समय (रात भर या कई दिनों) के बाद घोल को छान लिया जाता है। फ़िल्टर किए गए घोल में रहने वाले कच्चे रेनेट का उपयोग दूध को जमने के लिए किया जा सकता है। इस घोल का लगभग एक ग्राम सामान्य रूप से २ से ४ लीटर दूध को गाढ़ा कर सकता है।

क्यों रेनिन नवजात युवा बछड़ो के पेट से लिया जाता है ?

प्राकृतिक रूप से नवजात,युवा बछड़े के आंतरिक म्यूकोसा से निकाला जाता है। यदि रैनेट को बड़े बछड़ों जो की घास-चारा या अनाज खाने लगे हो से निकाला जाता है, तो रैनेट में कम या कोई काइमोसिन नहीं होता है, लेकिन उच्च स्तर का पेप्सिन होता है और इसका उपयोग केवल विशेष प्रकार के दूध और चीज के लिए किया जा सकता है। जैसा कि प्रत्येक जुगाली करने वाला अपनी प्रजाति के दूध को पचाने के लिए एक विशेष प्रकार के रैनेट का उत्पादन करता है, वहाँ दूध-विशिष्ट रेनेट उपलब्ध हैं, जैसे बकरी के दूध के लिए बकरी के बच्चे का रेनेट और भेड़ के दूध के लिए मेमने का रेनेट।

 खुद नेट पर डाले और देखे चीज़ रेनिन के विषय में चौकाने वाले तथ्य। हलाकि कई ऐसे दावे है की चीज़ को बनाने के लिए कोई बछड़े की हत्या नहीं की जाती है ये रिसर्च का विषय है।

अब बात आती है स्किन एलर्जी की ?

चीज़ खाने से इम्युनोग्लोबिन ई एंटीबॉडीज चीज़ में पाए जाने वाले मोल्ड को हानिकारक पदार्थों के रूप में पहचानते हैं। चीज़ एलर्जेन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी रासायनिक हिस्टामाइन जारी करके शरीर की रक्षा करते हैं। हिस्टामाइन उत्पादन नाक मार्ग, फेफड़े, साइनस, कान, आंख और त्वचा की सूजन का कारण बनता है, जिससे एलर्जी की प्रतिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप चीज़ -एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं।

बच्चो में आज चीज़ के प्रति लोलुकता बढ़ने का एक अहम कारण विज्ञापन इंडस्ट्री है। बच्चे एक दूसरे की देखा देखि कर के चीज़ आइटम खाना चाहते है परन्तु नाना प्रकार की समस्याओ का शिकार बनते है। 

अगर अगले बार चीज़ खाने के बाद उल्टी लगना, पेट दर्द, सर में दर्द, स्किन की समस्या सामने आये तो चीज़ से दूरी बनाने में ही सार है।

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