3 माह से अधिक समय से सरकारी अस्पताल से विद्यार्थी को नही मिल पाये चश्में
गरीब वर्ग के विद्यार्थी अस्पताल के चक्कर लगाकर महंगे दाम पर बाजार से चश्मे खरीदने क़ो मजबूर
मुलताई। नगर सहित क्षेत्र स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थीयो को आंख एवं सिर दर्द की परेशानी होने पर इन छात्र-छात्राओ द्धारा अस्पताल पहुंचकर आंखो की जांच कराने पर अलग-अलग नंबर का चश्मा लगाने संबंधी परामर्श दिया जाकर बच्चो को चश्में प्रदान किये जाते है जिससे कि बच्चे बिना परेशानी अपना अध्ययन कर सके। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई में प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर सहित क्षेत्र के सरकारी स्कूलो में अध्ययनरत सैकड़ो की संख्या में बच्चो द्धारा आंख एवं सिर दर्द संबंधी शिकायत होने पर नेत्र सहायक विशेषज्ञ द्धारा आंखो की जांच करायी गई। जिस पर जांच उपरांत बच्चो को चश्मा लगाने परामर्श दिया गया। वही एक या दो सप्ताह उपंरात अस्पताल द्धारा चश्मे उपलब्ध कराये जाने की बात कही गई। लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि 3 माह से अधिक समय में अस्पताल जाकर सैकड़ो की संख्या में विद्यार्थीयो द्धारा जांच कराये जाने पर अभी तक बच्चो को चश्मे नही मिल पाये है। अस्पताल में बार-बार बच्चे चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं अब स्थिति यह है कि बोर्ड कक्षाओ सहित अन्य कक्षा की परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है जिन बच्चो को आंख संबधी शिकायत होने पर चश्मा जरूरी है वह अस्पताल से चश्मे नही मिलने पर परेशान होकर मंहगे दामो पर चश्मा बनवाने को मजबूर है। बात यह है जब शासन द्धारा स्कूलो में अध्ययन करने वाले बच्चो को आंख संबंधी परेशानी होने पर जांच कराकर उपचार एवं आदि की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है तो क्या कारण है कि तीन-तीन माह बाद भी बच्चो को जांच उपंरात चश्मे उपलब्ध नही हो पा रहे। गौरतलब हो कि शासन द्धारा स्वास्थ्य सुविधाओ पर करोड़ो रूपये की राशि खर्च की जा रही है वही परीक्षा का समय नजदीक होने पर भी स्कूलो में अध्ययनरत बच्चो को आंखे संबधी समस्या होने पर जांच उपरांत चश्मा जरूरी होने पर भी चश्मे उपलब्ध नही हो पा रहे है।