विश्व महिला दिवस पर महिला उत्थान मंडल ने सौंपा ज्ञापन
निर्दोष हिन्दू संत की शीघ्र रिहाई शीघ्र की जाए
बैतूल। विश्व महिला दिवस के पूर्व पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल व श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल द्वारा निर्दोष हिंदू संत श्री आशारामजी बापू की शीघ्र ससम्मान रिहाई के लिए शुक्रवार को अपर कलेक्टर श्यामेन्द्र जायसवाल को महामहिम राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा।
इस संबंध में समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि महिला उत्थान मंडल की अध्यक्ष श्रीमती रूपा विश्वकर्मा व अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि लोकहित में अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले महापुरुष संत श्री आशारामजी बापू को एक षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों में फसाया गया है और इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी पुख्ता प्रमाण नहीं है। फिर भी निर्दोष बापूजी को आजीवन कारावास की सजा दे दी गई और दस वर्षों से एक दिन की भी जमानत या पेरोल नही दी गई जबकि बड़े-बड़े अपराधी दोष सिद्ध होने के बावजूद आजाद घूम रहे है। इसी प्रकार एक अन्य सुनियोजित षड्यंत्र के तहत दूसरे केस में अहमदाबाद की एक महिला को मोहरा बनाकर बापूजी को झूठे केस में फंसा दिया गया। आरोपकर्ता लडक़ी के बयानों में अनेक विसंगतियां होने के बावजूद यहां भी झूठे बनावटी केस में बापूजी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। एक लडक़ी के झूठे आरोपों को सत्य मानकर देश-विदेश की लाखों महिलाओं की सच्ची आवाज को क्यों अनसुना किया जा रहा है। संस्कृति रक्षक निर्दोष हिंदू संतो को अंधे कानूनों के तहत क्यों फंसाया जा रहा है ? जबकि बापूजी ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला उत्थान मंडलों का गठन किया। उन्हीं की प्रेरणा से मातृ-पितृ पूजन दिवस, तुलसी पूजन दिवस, चले स्व की ओर अभियान, बेटी बचाओ अभियान, तेजस्विनी अभियान, दिव्य शिशु संस्कार अभियान, जेलों में कैदी उत्थान कार्यक्रम, गौ पालन व संवर्धन, दीपावली पर गरीबों में भंडारे आदि सेवा के कई प्रकल्प चलाए जाते हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि ऐसे निर्दोष सेवाभावी संत की शीघ्र रिहाई की जाए। ज्ञापन सौंपते समय महिला उत्थान मंडल की अध्यक्ष श्रीमती रूपा विश्वकर्मा, आशा भूमरकर, अमिता परमार, प्रेमलता झपाटे, संध्या सोनी, अनीता मानकर, योग वेदांत सेवा समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान, प्रभाशंकर वर्मा, परसराम मर्सकोले, अरुण सोनी सहित अनेक साधक मौजूद थे।