भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा मंडल ने किया संत रविदास को नमन मनाई जयंती।

शाहपुर। गुरु रविदास जयंती, गुरु रविदास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में, माघ मास की पूर्णिमा के दिन माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। यह रविदास जी को अनुयायियों के लिए एक वार्षिक मौलिक महत्व भी है। पूरे भारत वर्ष में इस विशेष अवसर को मनाया जाता है, रविदास जी का जन्म 1450 में उत्तर प्रदेश के सीर गोवर्धनपुर गांव में हुआ था। उनका जन्म एक वंचित परिवार में हुआ था, और वे उन शुरुआती कुछ लोगों में से एक बन गए, जिन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। एक पौराणिक कथा के अनुसार, रविदास जी अपने पुनर्जन्म लेने से पहले। उन्हे एक महिला में मां का रूप दिखा और उनकी इच्छा थी कि वह सुंदर महिला उनकी मां बने, इसलिए उनकी मृत्यु के बाद, उन्होंने उसी महिला के गर्भ से रविदास जी के रूप में अवतार लिया।
वह कबीर जी के समवर्ती थे और आध्यात्मिकता पर कबीर जी के साथ उनका संवाद होता रहा , उनकी जयंती के दिन उनके शिष्य पवित्र जल में स्नान करते हैं। फिर, वे अपने गुरु रविदास जी के जीवन से जुड़ी महान घटनाओं और चमत्कारों को याद करके उनसे प्रेरणा और अंतर्दृष्टि लेते हैं। उनके अनुयायी उनके जन्म स्थान पर जाते हैं और रविदास जयंती पर उनका जन्मदिन मनाते हैं। रविदासिया धर्म को मानने वाले, केवल रविदास जी के अनुयायी और अन्य लोग जो किसी भी तरह से रविदास जी का सम्मान करते हैं जैसे कुछ कबीरपंथी, सिख और अन्य गुरुओं के बीच रविदास जयंती का विशेष महत्व है। गुरु रविदास को मीरा बाई के आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार किया गया था और कहा जाता है कि उन्होंने “गुरु ग्रंथ साहिब” में 41 भक्ति गीत और कविताएँ प्रदान की हैं। बैतूल जिले के शाहपुर में भी रविदास जयंती को धूम धाम से मनाया गया जिसमे भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा मंडल ने भी उनकी जयंती के दिन उन्हे नमन कर उनके पदचिन्हों पर चलने और समाज को उनके मार्गदर्शन के अनुरूप ढालने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति मोर्चा मंडल अध्यक्ष अशोक बरखने,मुकेश ठाकरे,सतीश पाटले,सूरज ठाकरे,सुरेंद्र सोने,अशोक असवारे,सुरेंद्र साकरे,मयंक गोहे,प्रमोद हाथिया,विक्की जोठे आदि सम्मिलित हुए