तेरी याद आये तो मेले में अकेला कर दे बाबा के मेले में जमकर बरसा काव्य रस

RAKESH SONI

तेरी याद आये तो मेले में अकेला कर दे

बाबा के मेले में जमकर बरसा काव्य रस

विष्णु सक्सेना के गीतों पर झूमे श्रोता

देर रात्रि तक चला कवि सम्मेलन  

सारनी। बाबा मठारदेव के मेले में देर रात तक जमकर काव्य रस बरसा। कड़कड़ाती ठंड के वावजूद भी श्रोता टस से मस नही हुए। अवसर था नगरपालिका परिषद सारनी द्वाराआजादी के अमृत महोत्सव एवं आनन्दम उत्सव के अंतर्गत आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विधायक डॉ योगेश पण्डागरे एवं नगरपालिका अध्यक्ष किशोर वरदे ने माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर नपा उपाध्यक्ष जगदीश पवार,एसडीओपी रोशन कुमार जैन,भाजपा जिला महामंत्री सुधाकर पवार विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।

  प्रख्यात गीतकार एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि विष्णु सक्सेना के गीतों पर श्रोता झूम उठे। “रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, एक आई लहर कुछ बचेगा नही। तुमने पत्थर सा दिल मुझको कह तो दिया,पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नही।” जैसी उनकी पंक्तियों पर देर तक तालियां बजती रही।”प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हू,जख्म मिल जाए तो मरहम खरीद सकता हूँ।

याद वो है ही नही आये जो तन्हाई में,तेरी याद आये तो मेले में अकेला कर दे” जैसी पंक्तियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया हास्य कवि मुन्ना बैटरी मुन्ना के चुटीलेअंदाज ने श्रोताओं को लौट पोट कर दिया।”जिस तार में करंट नही लहोता , लोग उस पर बनियान सुखाते हैं” मुन्ना बैटरी ने राजनीति पर कुछ यूं व्यंग्य किया कि- ‘मिली नही सत्ता तो पैंतरा बदल लिया,कल मजार पर झुक रहे थे आज मंदिर ढूंढ रहे हैं। बैतूल के कवि पुष्पक देशमुख की वीर रस की कविता “मर गया चेतक मगर राणा को बचा गया,वो घोड़ा होकर मातृभूमि का नमक अदा कर गया, मातृभूमि पर मिटने वाला ऐसा मर्द नही देखा” की प्रस्तुति ने श्रोताओं में जोश भर दिया।

      

हास्य कवि रवि चतुर्वेदी ने अपनी व्यंग रचना “धरती पर बहुत से जानवर औऱ जहरीले जंतु है।बचने के लिए किससे कितनी दूरी बनाना है ” जैसी नसीहत श्रोताओं को देकर उन्हें ठहाके लगाने को मजबूर किया। बनारस की कवियत्री विभा सिंह की रचना “लोग क्यू प्यार को तोड़ देते है,एक अनमोल रतन पाकर छोड़ देते है, निभाना प्यार तो सीखो गुलाब फूलों से ,जो टुटकर भी दो दिलो को जोड़ देते है”पर श्रोताओं की भरपूर दाद मिली। कवि डॉ अनु सपन के गीत-“मेरे हांथो के लकीरों में समाने वाले,कैसे छीनेंगे तुझे मुझसे जमाने वाले,अपनी भरपूर लड़कपन को सम्हाले रखना दिन यही होते हैं बस हंसने और हंसाने वाले’ की प्रस्तुति पर युवाओं ने खूब तालियां बजाई। वीर रस के कवि मदन मोहन समर ने -“थाम तिरंगा करो घोषणा हिंदुस्तान जवान है” जैसी रचनाएं प्रस्तुत कर देश भक्ति की भावना को जागृत किया।

 

*इतने पढ़े लिखे विधायक कम जगह मिलते हैं*

 कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ योगेश पण्डागरे प्रारंभ से अंत तक दर्शक दीर्घा में सपरिवार बैठकर कविताएं सुनते रहे। संचालक डॉ शम्भू सिंह मनहर ने कहा कि हमलोग पूरे देश मे कवि सम्मेलन में जाते हैं पर इतने पढ़े लिखे विधायक बहुत कम जगह मिलते हैं। श्री मनहर ने बाबा मठारदेव पर पंक्तियां सुनाई-“सारी दुनिया को कदमो में झुका सकता हूँ,बस बाबा मठारदेव की मेहरबानी चाहिए” उनके द्वारा प्रस्तुत गीत देश मेरा बलवान को भी श्रोताओं ने खूब पसंद किया। संचालन संयोजक कमलेश सिंह एवं आभार प्रदर्शन नपा अध्यक्ष किशोर वरदे ने किया। सीएमओ सीके मेश्राम सहित सभी पार्षदों कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा। कवि सम्मेलन का समापन राष्ट्रगान जनगणमन के साथ हुआ।

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