9 दिसंबर को सभी खदानों में संयुक्त रूप से द्वारसभा ली जाएगी एवं विरोध दिवस मनाया जाएगा।
सारणी। दिनांक 30 नवंबर 2022 को कोलकाता में NCWA 11( राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 11 ) को लेकर जेबीसीसीआई की सातवीं बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में हर बार की तरह कोल इंडिया प्रबंधन के गैर जिम्मेदाराना एवं टालमटोल की मंशा को देखते हुए चारों केंद्रीय संगठन जेबीसीसीआई में शामिल चारों केंद्रीय संगठन BMS, HMS, AITUC, CITU द्वारा बैठक कर सर्वसम्मति से दिनांक 9 दिसंबर 2022 को WCL सहित कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया
इसके पश्चात 7 जनवरी 2023 को रांची में संयुक्त कन्वेंशन किया जाएगा, जिसमें सभी संगठन से प्रतिनिधि शामिल होंगे। रांची के संयुक्त कन्वेंशन में आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय की जाएगी केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय के तहत आज WCL में भी चारों संगठन की संयुक्त बैठक आयोजित की गई जिसमें यह निर्णय लिया गया 9 दिसंबर को सभी खदानों में संयुक्त रूप से द्वारसभा ली जाएगी एवं विरोध दिवस मनाया जाएगा। कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कोयला कामगारों ने देश की ऊर्जा की आपूर्ति के लिए आवश्यक कोयले का उत्पादन किया उसके बावजूद कोयला मजदूरों के वेतन बढ़ोतरी का जब समय आया तब कोल इंडिया प्रबंधन इस विषय को लेकर कतई गंभीर नहीं है।
कोयला कामगारों के वेतन समझौता 1 -10 की अवधि 30 जून 2021 को समाप्त हो चुकी है। कोयला मजदूरों का वेतन समझौता-11 दिनांक 1 जुलाई 2021 से देय है। वेतन समझौता में पहले ही लगभग 16 महीने का विलंब हो चुका है। इसके कारण कोयला कामगारों में बहुत ज्यादा असंतोष का माहौल बन चुका है.. जिसके प्रति श्रमिक संगठनों ने प्रबंधन को इससे अवगत भी कराया था। लेकिन कोल इंडिया के तानाशाही पूर्ण रवैया को देखते हुए चारों श्रमिक संगठन संगठनों ने आपस में बैठक कर आंदोलन का निर्णय लिया। कोल उद्योग में कार्यरत कामगार भी आंदोलन के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। कोल इंडिया प्रबंधन ने वेतन समझौते को लेकर अगर जल्दी कोई निर्णय नहीं लिया तो आगे चलकर यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा।