मध्यप्रदेशपेसाएक्ट ग्राम सभा के लिए पहुंचे चिचोली ब्लॉक के ग्राम साबाढाना चुडिया, उपबंध में एसपी सिमाला प्रसाद
ने ग्रामीणों के साथ नीचे बैठ कर की ग्राम सभा ग्रामीणों को पेसा एक्ट की विस्तार से दी जानकारी
एसपी ने ग्रामीणों के साथ पैसा एक्ट की हर एक बिंदु पर की चर्चा
बैतुल। चिचोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत साबाढाना चुडिया, उपबंध में मध्यप्रदेशपेसाएक्ट ग्राम सभा के लिए पहुंचे चिचोली ब्लॉक के ग्राम साबाढाना चुडिया, उपबंध एसपी सिमाला प्रसाद जी व एसडीओपी पल्लाकवी गौर पेसा एक्ट से अधिसूचित आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभाएं अधिकार के बारे में ग्रामीणों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी हर एक बिंदु पर एसपी ने चर्चा की ग्रामीणों को समझाया व ग्रामीणों से सवाल भी किया कि जानकारी आप लोगो की समझ में आया या नहीं ग्राम सभा में महिलाए महिलाए समूह आगनवाडी कार्यकर्ता को विस्तार से बताया गया व समिति का गठन कर जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करने की बात कही
समिति गठित कर समिति का अधिकार पर जनजातीय (आदिवासी) वर्ग को मिलेगा अधिकार
पेसा एक्ट पर संपूर्ण जानकारी एसपी महोदय ने ग्रामीणों को दी
वही आदिवासियों का जनजातीय वर्ग का अधिकार है। प्रदेश सरकार उनके हक को दिला रही है। प्रदेश में जनजातीय (आदिवासी)वर्ग को सशक्त और अधिकार संपन्न बनाने के लिए पेसा एक्ट प्रभावी किया गया है, जिससे जनजातीय वर्ग के जीवन में खुशहाली आएगी। गांव का पैसा गांव के विकास में ही उपयोग होगा। एसपी ने पेसा एक्ट पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित किया कार्यशाला में सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं मौजूद
एसपी ने ग्रामीणों से कहा
जनजातीय वर्ग को मजबूती मिलेगी। नए नियमों के अनुसार अब पटवारी और बीटगार्ड को गांव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल गांव में ही लाकर ग्रामसभा में दिखाने होंगे, जिससे जमीन के रिकार्ड में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो उसको ठीक करने का अधिकार ग्रामसभा को होगा। किसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन लेने के लिए ग्राम सभा की सहमति/परामर्श जरूरी होगा। छल, कपट और बलपूर्वक अब कोई जमीन नहीं हड़प सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्रामसभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। खनिज के मामलों में जिनमें रेत, खदान, गिट्टी, पत्थर शराब के ठेके देना है या नहीं, यह भी ग्रामसभा में ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाएं अमृत सरोवरों, तालाबों का प्रबंधन करेंगीं। तालाबों में सिंघाड़े उगाने, मछलीपालन व मत्स्याखेट की सहमति भी ग्रामसभाएं देंगीं। सिंचाईं तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभाओं में हो सकेगा। जनजातीय वर्ग के लोगों के द्वारा वनोपज संग्रहण करने के साथ उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और बिक्री का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। इतना ही नहीं, मनरेगा के माध्यम से कब और कौन-सा कार्य कराया जाना है, यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी, मस्टररोल भी ग्राम सभा ही देखेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्रामसभा को जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि पेसा एक्ट प्रभावशील होने से जनजातीय क्षेत्रों में केवल लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर राशि उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्रामसभा को देनी होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा, अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के हितलाभ के लिए भी ग्रामसभा को अधिकार रहेगा। किस वास्तविक हकदार को हक मिलना चाहिए, उसे ग्रामसभा तय करेगी। अधिसूचित क्षेत्रों में बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा भी ग्रामसभा कर सकेगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनीटरिंग का अधिकार भी ग्रामसभा को होगा। मेला एवं बाजार के प्रबंधन भी ग्रामसभा करेगी। इसके अलावा पेसा एक्ट में जनजातीय वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं, जिनकी जानकारी से जनजातीय वर्ग को जागरूक बनाया जाए। साथ ही इन क्षेत्रों में ग्राम सभाओं के सशक्तिकरण में हमारी प्रभावी भूमिका हो।