संत श्री आशारामजी आश्रम में हर्षोल्लास से मनाया गोपाष्टमी पर्व
(साधकों ने गौपूजन के साथ गौ सेवा भी की)
बैतूल। सनातन हिंदू संस्कृति के शास्त्रों में वर्णन आता है कि गोपाष्टमी पर्व पर गौ पूजन करके मस्तक पर गौ धुली लगाने व गौमाता को गौ ग्रास अर्पण करके गौ सेवा करने का विशेष महत्व है। इन्ही बातों को ध्यान रखते हुए श्री योग वेदांत सेवा समिति के साधकों द्वारा चिखलार स्थित आश्रम में हर्षोल्लास से गोपाष्टमी पर्व मनाया गया। समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि संत श्री आशारामजी बापू का गौमाता के प्रति अद्भुत प्रेम है पूज्य बापूजी ने जन-जन तक गौ महिमा पहुंचाकर गौ-सेवा के अनेकों सेवा कार्य किए है।
उनके मार्गदर्शन में देशभर के आश्रमों में पैतालीस से अधिक गौशालाएं चल रही है जिनमें नौ हजार से भी अधिक गौवंश है। उन्होंने अपने सत्संग में बताया है कि गौमाता को हम नही पालते बल्कि गौमाता ही हम सभी को पालती है अतः गौसेवा व गौरक्षा हम सभी का परम कर्तव्य है। यदि देशी गाय का दूध, दही, घी महँगा भी मिले तो अवश्य ले लेना चाहिये।
श्री मदान ने बताया कि उन्हीं की सत्प्रेरणा से देशभर की गौशालाओं में गोपाष्टमी पर्व हर्षोल्लास से गौसेवा करते हुए मनाया जाता है। बैतूल के चिखलार स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम में भी मंगलवार को गोपाष्टमी पर गौ पूजन के साथ गौसेवा की गई।सर्वप्रथम साधकों ने गौमाता को स्नान करवाकर तिलक किया फूल माला से सत्कार कर वस्त्र ओढ़ाया व गौ ग्रास अर्पण कर सात परिक्रमा और आरती की।साथ ही गौरक्षा व गौसेवा का संकल्प किया। इस मौके पर समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान के साथ प्रभाशंकर वर्मा, अनूप मालवीय, डॉक्टर राजकुमार मालवीय, मोहन मदान, किशन बामने, गजानंद बामने, महेश धान्डोले, सतीश पाल सहित अन्य कई साधकगण शामिल हुए।