मनसंगी का करवाचौथ विषेषांक हुआ प्रकाशित लाल इश्क़ और चांद- एक प्रेम दर्पण संकलन का हुआ सफल प्रकाशन करवा चौथ के पर्व पर आपसी प्यार को दर्शाता साझा संकलन

RAKESH SONI

मनसंगी का करवाचौथ विषेषांक हुआ प्रकाशित

लाल इश्क़ और चांद- एक प्रेम दर्पण संकलन का हुआ सफल प्रकाशन करवा चौथ के पर्व पर आपसी प्यार को दर्शाता साझा संकलन

सारणी। मनसंगी पटल पर करवाचौथ के पर्व पर दो साझा संकलन किये गए जिनके विषय *लाल इश्क* व चाँद-एक प्रेम दर्पण है।लाल इश्क़ को लेकर संस्थापक अमन राठौर मन जी पहले से ही उत्साहित थे। बतौर संकलक सरिता सिंह ठाकुर जी ने सफलतम कार्य किया , तथा पुस्तक को सुंदरता से प्रस्तुत करते हुए संपादकीय कार्य नैंसी बंसल जी ने किया।संस्थापक अमन राठौर ,संस्थापिका मनीषा कौशल,अध्यक्ष सत्यम द्विवेदी सभी ने अपना विशेष योगदान दिया। वही साथ ही चाँद- एक प्रेम दर्पण संकलन का भी प्रकाशन हुआ जिसकी सर्वेसर्वा (संपादकीय व संकलक) प्राची पांडेय जी है। दोनों संकलनों में आने वाले रचनाकार विभिन्न प्रदेशों से जुड़े। लता सिंघई , डी. सी. धरून मुघिलन,गोविंद” आनंद”,डाँ सरला सिंह स्निंग्धा ,डाँ संजू त्रिपाठी,नवनीत कुमार ,नरेन्द्र वैष्णव ” सक्ति”, ज्ञानेश्वरी व्यास ,प्रियंका लालवानी खत्री, सुनीता यादव ,तलत एजाज, गौरव शर्मा , आकांक्षा वर्मा, ज्योति सोनी , शावेज़ अली, अनीता हितेश राठौड़, डाँ राधा दुबे ,माला पहल ,प्रियंवदा पाण्डे ,अनीता गुप्ता ,रश्मि श्रीवास्तव ,देवेश दीक्षित,केटी दादलानी,पूजा शर्मा , निजाम मौध्वी,मोहम्मद वसीम,आशीष प्रकाश, मिती प्रियंका ,पूनम पाठक ” गौतम ,कल्पना रामनारायण कहार,वेद प्रकाश दिवाकर ,शेखर कुमान रंजन,सोनल मंजू श्री ओमर, किरण मिश्रा “निधि”,मनमोहन पालीवाल ,सोनम मिश्रा, प्रतिभा लाटकर,अनुराधा के राममूर्ति,सुरंजना पांडेय,लता देवी पौडेल,रजनीश,उपाध्याय,सुरेंद्र चतुर्वेदी,छाया गुर्जर,नेहा मौर्या,आशुतोष,निलेश कुमार ,दिनेश शर्मा चिन्तक ,पूजा शर्मा ,अमर लता वर्मा, दिनेश शर्मा, चिन्तक , अमर लता वर्मा , रजनी राठौर,शशिकला अवस्थी, शिवदत्त त्रिपाठी ,शेखर कुमार रंजन , आशीष प्रकाश ,सुरभि तिवारी , महेश कुमार ,रीना राठौर , मीति प्रियंका ,सुनील कुमार ,किरण विजय पोरवाल, अरविंद सिंह चरण , ओम,भूमिका शर्मा ,रवि कुमार, भूमिका शर्मा ,भावना राव , डॉ दिव्यांशी पांडे बिटू ,कुमारी फोरम आर मेहता ,दीपमाला साहू ,डॉ. राम शरण सेठ ,रीमा महेंद्र ठाकुर ,बृजेश कुमारी सिंह, त्रिभुवन गौतम आदि संयुक्त रचनाकार रहें।

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