बाल अधिकार संरक्षण के लिये मिलकर उठाएं आवाज पुलिस कॉन्फ्रेंस हॉल में बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर आवाज व पुलिस विभाग का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

RAKESH SONI

बाल अधिकार संरक्षण के लिये मिलकर उठाएं आवाज पुलिस कॉन्फ्रेंस हॉल में बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर आवाज व पुलिस विभाग का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

बैतूल| मानव तस्करी आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है और इससे निबटने के लिए हमें हर स्तर पर तैयार रहना होगा| पुलिस अधिकारी/कर्मचारी मानव दुर्व्यापार को समझें, कानूनों को समझें और हर प्रकरण दर्ज कर पीड़ित की हरसंभव मदद करें| उक्त बात आज पुलिस कंट्रोल रूम स्थित कांफ्रेंस हॉल में आवाज जनकल्याण समिति, भोपाल और जिला पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर पुलिस अधिकारियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारम्भ अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक पल्लवी गौर ने कही| इस कार्यशाला हेतु बैतूल पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ तथा रक्षित निरीक्षक मनोरमा बघेल का व्यवस्थापन रहा| बाल अपराध की रोकथाम एवं जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई इस कार्य़शाला की शुरूआत में पुष्पगुच्छ द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। उपपुलिस अधीक्षक सुश्री गौर ने आगे कहा कि हम सभी को बाल अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों के मौलिक अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। अभी भी बड़ी संख्या में गुमशुदगी के मामले पेंडिंग में चल रहे हैं, इनके लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा। बेहतर पुलिसिंग व पुलिसकर्मियों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं, समय-समय पर इस तरह की कार्यशाला आयोजित होती रहना चाहिए। इस अवसर पर विशेष किशोर पुलिस ईकाई प्रभारी विनोद शुक्ला ने भी बाल संरक्षण की दिशा में और बेहतर क्या प्रयास किये जा सकते हैं, पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आवाज संस्था संस्था बाल अपराध की रोकथाम की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। दरअसल बाल तस्करी बहुत गंभीर समस्या है। जो सीधे पर नजर तो नहीं आती पर धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। आवाज संस्था के निदेशक व प्रशिक्षण के रिसोर्स पर्सन प्रशांत दुबे ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से सभी प्रतिभागियों से सीधा संवाद करते हुए बाल तस्करी, बंधुआ मजदूरी, पॉक्सो एक्ट, सीएनसीपी एवं विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों से संबंध में पुलिस की भूमिका को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। कार्यशाला के दूसरे सत्र में सभी प्रतिभागियों ने अपने कार्यक्षेत्र व कार्य के दौरान उत्पन्न होने वाली विभिन्न परिस्थितियों का उदाहरण देते हुए अपने सवाल रखे। जिसका श्री दुबे ने सभी बिंदुओं को ध्यानपूर्वक सुनकर सरल शब्दों में जवाब देकर सभी की जिज्ञासा शांत की। साथ ही महिला सुरक्षा शाखा बैतूल द्वारा पुलिस मुख्यालय भोपाल से प्रस्तावित जागरूकता अभियान ‘चेतना के तहत् आवाज संस्था से समन्वय व सहयोग से स्थापित मानव दुर्व्यापार की रोकथाम एवं शोषित वर्ग की महिलाओं व बच्चों पर विशेष ध्यान देने व मानव दुर्व्यापार को लेकर समाज में व्याप्त कुरीतियो कुप्रथाओं के प्रति आम जन को जागरूकता शिविर का आयोजन कर समझाईश देने मानव दुर्व्यापार में लिप्त पूर्ववत अपराधियों पर सतत् निगाह रखने एवं मानव दुर्व्यापार की रोकथाम व चौराहों पर नुक्कड नाटक का प्रदर्शन करने हेतु जिले में कार्यरत् अशासकीय संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर कार्यवाही करने व पम्पलेट के माध्यम से आमजन में प्रचार प्रसार हेतु निर्देशित किया गया।

कार्यशाला के समापन पर परवाह परियोजना के जिला समन्वयक भूपेन्द्र लोखंडे ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैतूल पुलिस के सहयोग से ही हम सभी अधिकारियों की व्यस्तता के चलते इस कार्यक्रम को आयोजित कर पाए। इस आयोजन को सफल तरीके से समपन्न कराने के लिए सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर परवाह परियोजना के राज्य समन्वयक नीतेश व्यास, सजग परियोजना के राज्य समन्वयक सत्यनारायण डेहरिया, भैंसदेही के ब्लॉक समन्वयक विनीत धोटेकर विशेष किशोर पुलिस इकाई सदस्य, महिला थाना प्रभारी सुश्री संध्या सक्सेना, भैसदेही थाने के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी गमर सिंह मंडलोई के साथ-साथ जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी सहित बड़ी संख्या पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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