महान योगी के साथ स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक, लेखक, चिंतक व विचारक थे महर्षि श्री अरविंद।

RAKESH SONI

महान योगी के साथ स्वतंत्रता सेनानी, दार्शनिक, लेखक, चिंतक व विचारक थे महर्षि श्री अरविंद।

बैतुल। महर्षि श्री अरविंद के 150 वे जन्म वर्ष सार्धशती के उपलक्ष्य में अयोजित की व्याख्यानमाला मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित व्याख्यानमाला का कार्यक्रम शासकीय जे एच महाविद्यालय में आयोजित हुआ। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में सांसद श्री डीडी उईके, जिला जनअभियान परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, महानिदेशक जनअभियान परिषद भोपाल श्री बीआर नायडू , जेएच कालेज के प्राचार्य श्री राकेश तिवारी , संभाग समन्वयक जनअभियान परिषद श्री कौशलेश तिवारी विशेष रूप से उपस्थित हुये।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री मोहन नागर ने विस्तार से श्री महर्षि अरविंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1857 का स्वतंत्रत समर वह था जिसे पूरे देश में लड़ा था उस क्रांति में अगर हम सफल होते तो हमारा देश 90 वर्ष पहले ही स्वतंत्र हो जाता महर्षि अरविंद ने हमारे देश के जनमानस को ऐसी दिशा दी थी जिससे हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निराशा के भाव से निकल सके थे। 19वीं सदी के अंत में भारत में जिन्होंने स्वप्न देखा ऐसे 4 महापुरुषों में महात्मा गांधी, श्री केशव राव बलिराम हेडगेवार, डॉ. बी आर अंबेडकर और चौथे श्री महर्षि अरविंद जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने जो जो सपने देखे थे वह पूरे आज साकार हुए। महर्षि अरविंद ने भारत को आध्यात्मिकता का मार्ग बताया था और भारत की आध्यात्मिक चेतना को उन्होंने ध्यान साधना के बल पर आगे बढ़ाया और हमारे देश को एक ज्ञान दिया।

इस अवसर सांसद श्री उइके ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी की अमृत महोत्सव में भारत माता की जय का नारा लगाना हमारे देश की समस्त सृष्टि का नारा लगाना है, इससे समस्त भारत भूमि की जय हो जाती है। एकता अखंडता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। भारत माता हमेशा उन्नति करे, महर्षि अरविंद ने यहां के जनमानस को यही संदेश दिया था।आजादी के 75 वें वर्ष में इस तरह की व्याख्यानमाला का आयोजन किया है। आगामी 2047 में भारत कैसा होगा यह भारत के प्रधानमंत्री ने जो विचार रखा है। देश के सामने उस पर आत्मचिंतन करने तथा इतिहास की जो गलतियां हुई है उनकी पुनरावृत्ति ना हो ऐसा हमें संकल्प लेना है।

इस अवसर पर श्री नायडू ने पांच संकल्प गुलामी की मानसिकता से देश को निकालना, हमारी विरासत पर गर्व करना, देश को विकसित बनाना, कर्तव्यों का बोध कराना, अंतोदय के लोगों का विकास करना इस तरह की हमें पांच संकल्प लेकर आगे बढ़ना है, सीएमसीएलडीपी के माध्यम से ग्राम ग्राम में सामाजिक नेतृत्व हम पैदा कर रहे हैं । बड़ी संख्या में ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस व्याख्यानमाला में भाग लिया। अंत में सभी का आभार व्यक्त जिला समन्वयक श्रीमती प्रिया चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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