22 अंतराष्ट्रीय सरहदों पर पहुंचेगी बैतूल से हजारों राखियां।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सैनिकों की कलाई पर सजेगी तिरंगा राखी।
बैतूल। करगिल युद्ध के बाद लगातार देश की अंतराष्ट्रीय सरहदों पर रक्षाबंधन का पर्व मना रही बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति देश की 22 अंतराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए हजारों राखियां पोस्ट करेगी। वैसे तो समिति अपने राष्ट्र रक्षा मिशन प्रकल्प के तहत प्रतिवर्ष जिन सरहदों पर पूर्व में रक्षा बंधन मना चुकी है वहां तैनात जवानों के लिए राखियां भेजती आई है, लेकिन इस बार सैनिकों के लिए विशेष राखियां बनाई जा रही है। समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के अलावा स्कूली विद्यार्थियों द्वारा हजारों तिरंगे वाली राखियां अपने हाथ से सैनिकों के लिए बनाई गई है। यह राखियां आजादी के अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए तिरंगे के तीन रंगों को आधार मानकर निर्मित की गई है।
करगिल दिवस के पहले पोस्ट की जाएगी राखियां
बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम ने बताया कि देश की 22 सरहदों के लिए राखियां स्पीड पोस्ट से भेजी जा रही है। यह राखियां इस बार करगिल दिवस 26 जुलाई के पहले ही पोस्ट कर दी जाएगी ताकि रक्षाबंधन के पहले यह राखियां सैनिकों तक पहुंच सकें। उन्होंने बताया कि आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसएसबी सहित अन्य सेना एवं अर्ध सैनिक बलों के हजारों सैनिकों को यह राखियां भेजी जा रही है। बैतूल की यह परम्परा पूरे देश में अब मिसाल बन गई है।
इन सरहदों पर पहुंचेगी तिरंगा राखियां
राष्ट्र रक्षा मिशन द्वारा भारत-पाकिस्तान, भारत-बांग्लादेश, भारत-चीन, भारत- नेपाल आदि अंतराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात जवानों के लिए राखियां भेजी जा रही है। जैसलमेर, बीकानेर, श्री गंगानगर, बारामुला, जम्मू, सांभा, भुज, कच्छ, गोकुलनगर, अगरतला, लेह, गुलमर्ग, बाघा, डेराबाबा नानक, फरीदकोट, श्रीनगर सहित अन्य सरहदी क्षेत्रों में सेना के हेड क्वार्टर एवं बीओपी के लिए राखियां भेजी जा रही है। राष्ट्र रक्षा मिशन का यह अनूठा अभियान देश के सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है।