संत श्री आशारामजी आश्रम में हर्षोल्लास से मनाया गुरुपूर्णिमा पर्व।
बैतूल। संत श्री आशारामजी आश्रम चिखलार बैतूल में साधकों द्वारा गुरुपूर्णिमा का महापर्व हर्षोल्लास से मनाया गया।श्री योग वेदांत सेवा समिति बैतूल के जिलाध्यक्ष राजेश मदान ने बताया कि सर्वप्रथम प्रातः 10 बजे साधकों द्वारा श्री चरण पादुका जी का विधिवत पूजन करके अपने सदगुरुदेव का मानस पूजन किया गया।तत्पश्चात ध्यान, भजन, कीर्तन व पूज्य बापूजी के विशेष सत्संग करके उनकी शीघ्र ससम्मान रिहाई व आयु, आरोग्यता, यश, कीर्ति में वृद्धि हेतु सामूहिक प्रार्थना की गई और महाआरती करके फल, चना व मिठाई प्रसादी वितरित की गई।
चिखलार ग्रामवासियों के घर-घर पहुंचकर उन्हें चना, फल, मिठाई वितरित की गई। श्री मदान ने बताया कि गुरुपूर्णिमा के दिन ही भगवान वेदव्यास जी ने ब्रह्मसूत्र लिखने का प्रारंभ किया था। इस दिन से सन्यासी, त्यागी, संत, जती, जोगी चार महीने के लिए चतुर्मास करते हैं। एकांत में स्वाध्याय व शास्त्र अध्ययन करते हैं । श्रीकृष्ण भी गुरुपूनम का त्यौहार मनाते है, अपने गुरु के पास जाते है, देवता लोग अपने गुरु बृहस्पति का पूजन करते है, दैत्य लोग भी अपने गुरु शुक्राचार्य का पूजन करते है।अतः गुरुपूर्णिमा का पर्व गुरु-शिष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है।सभी ने एक दूसरे को गुरुपूर्णिमा की बधाई दी। आश्रम में सुबह से ही सैकड़ों साधकों और भक्तों का तांता लगा रहा जो देर शाम तक चलता रहा। आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के जिलाध्यक्ष राजेश मदान के साथ अनूप मालवीय, शैलेन्द्र रघुवंशी, प्रभाशंकर वर्मा, राकेश पठाड़े, अजय देवकते, विकास खरे, रविकांत आर्य, डॉक्टर राजकुमार मालवीय, मोहन मदान किशोरी झरबड़े, माधवी पठाड़े, पूर्णिमा मगरकार, कांति वर्मा, अमिता पंवार, सृस्टि मकोड़े, रेखा ठाकरे आदि का योगदान सराहनीय रहा।*