जैविक विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2022
सारनी में वृक्षों की कटाई के विरुद्ध आंदोलन कर दिया जैव विविधता संरक्षण का संदेश

सारणी। सारनी में मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से पंप हाउस का निर्माण किया जा रहा है, एशियन डेवलपमेंट बैंक से हुए अनुबंधन के तहत यह काम हो रहा है जिसमें पर्यावरण हितों को बेहद ध्यान में रखते हुए काम किया जाना प्रस्तावित है। परंतु नियमों को दरकिनार करते हुए नगर पालिका सारनी की देखरेख में लगभग 500 पेड़ों को काटकर इस पंप हाउस तक बिजली पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। जिस जंगल में पेड़ काटे जाने हैं वह जंगल जैव विविधता से समृद्ध है। जंगल में बाघ और तेंदुए का मूवमेंट भी बना रहता है, साथ ही विभिन्न तरह के वन्यजीव भी मौजूद है।
इस संबंध में सारनी निवासी पर्यावरणविद आदिल खान के माध्यम से शिकायत करने के बाद भी नगरपालिका परिषद सारनी, वन विभाग और मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के माध्यम से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है। जिसके बाद विश्व जैव विविधता दिवस के अवसर पर आदिल खान के साथ स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों श्रुति, संस्कृति, कनिका, कृतिका, कार्तिका, अंकित, रोहित, दीपक, वैभव, स्नेह, तनिष्क, नवीन इत्यादि के माध्यम से बड़े वृक्षों को बचाने के लिए जागरुकता फ़ैलाने हेतु आंदोलन किया गया और प्रशासन से वृक्षों को ना काटने या अन्य किसी विकल्प से बिजली पहुंचाने की व्यवस्था करने की मांग की, साथ ही सभी ने जैव विविधता संरक्षण और वृक्षों को बचाने के महत्व के बारे में वक्तव्य भी दिया। प्रोटेस्ट कर रहें पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि विकास पर्यावरण के हितों को ध्यान में रखते हुए ही किया जाना चाहिए इस तरह से वृक्षों को काटना बिल्कुल भी उचित नहीं है। श्रुति जोशी का कहना है कि जिस तरह इंदौर स्वच्छता के लिए जाना जाता है उसी तरह सारनी अपने जंगलों के लिए जाना जाता है। अगर हम इंदौर में कचरा फेंक दें तो वहां की स्वच्छता की पहचान समाप्त हो जाएगी उसी तरह सारनी में वृक्षों को काटने से सारनी की पहचान खत्म हो रहीं हैं।
वही नियमों को दरकिनार करते हुए नगरपालिका सारनी के माध्यम से पेड़ों को काटने को प्राथमिकता दी जा रही है। जिसे लेकर आदिल खान ने मध्य प्रदेश जैव विविधता बोर्ड, वनमंडलाधिकारी उत्तर बैतूल, कलेक्टर बैतूल, मुख्य अभियंता सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी, रेंजर सारनी, सीएमओ सारनी इत्यादि को शिकायत भी की है। आदिल ने बताया कि स्वस्थ्य वृक्षों को काटा जाना प्रस्तावित है, जिसमें महुआ, सागौन, तेंदु, साज इत्यादि शामिल हैं ।