दिव्यालय परिवार में “सरि के सम्मान में” ई पत्रिका का हुआ भव्य लोकार्पण।
सारणी:- दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा द्वारा किये जा रहे विविध एवम साहित्य उत्थान के अनेकानेक प्रयासों की पटल संस्थापिका व्यंजना आनंद ‘मिथ्या’ जी के कुशल मार्गदर्शन में नदियों के सम्मान में किये सृजन किया गया ।
“दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा ” का तीसरा अंक ” सरि के सम्मान में ” ई पत्रिका का भव्य लोकार्पण जूम एप्प के माध्यम स हुआ ।
व्यंजना आनंद मिथ्या जी , राजश्री शर्मा जी ,राजकुमार छापड़िया जी, मंजिरी निधि जी ,नरेंद्र वैष्णव “सक्ति” जी आदि विद्वतजनों की सम्माननीय उपस्थिति में सभी महत्वपूर्ण जीवनदायिनी नदियों पर पत्रिका का लोकार्पण हुआ । जिसमें दिव्यालय के अन्य साधकगण भी उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का आरंभ में संचालक मंजिरी निधि द्वारा मुख्य अतिथि आचार्य कृष्णसुंदरानंद अवधूत, विशिष्ट अतिथि आचार्य गुणीन्द्रानंद अवधूत एवम अध्यक्ष महेश जैन ‘ज्योति’ का पटल पर स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ दिव्यालय पटल के अध्यक्ष राजकुमार छापड़िया जी ने दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया गया। ततपश्चात संचालक महोदया आ. मंजिरी निधि जी द्वारा आपका विधिवत स्वागत करते हुए परिचय दिया गया। ममता कानुनगो ने स्वरचित सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ।
आ.महेश जैन “ज्योति” जी , मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि जी ने मंच को उपयोगी एवम सुंदर कार्यक्रम हेतु साधुवाद देते हुए मानव की नदियों के प्रति उपेक्षा, अवहेलना के लिए दुख प्रकट करते हुए नदियों के संरक्षण पर जोर देते हुए ,रचनाओं के प्रस्तुतिकरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम कुम्भ स्नान की अनुभूति करवा देते हैं।
समस्त नदियों के नामों को अपनी रचना में समाहित करते हुए मानव जीवन एवम वसुंधरा के प्रति उनके अवदान को प्रतिपादित भी किया एवम मानव की स्वार्थी, लापरवाह प्रकृति को तीखे शब्दों में रेखांकित भी किया l मुख्य संपादिका व्यंजना आनन्द जी ने सुंदर पत्रिका निर्माण हेतू संपादिका राजश्री शर्मा जी ,सह संपादक राजकुमार जी व मंजिरी जी मनसंगी के संपादक अमन राठौर जी के साथ पूरे साहित्य साधकों को धन्यवाद दिया जिनकी सहयोग से पत्रिका का निर्माण हुआ साथ ही अगली सुन्दर पत्रिका नये विधान के साथ लाने की घोषणा भी कीं।अंत में पटल सचिव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।