अवैध ईट भट्ठों पर प्रशासन की कार्यवाही पहले की तरह अब भी वन विभाग मूक दर्शक।

RAKESH SONI

अवैध ईट भट्ठों पर प्रशासन की कार्यवाही पहले की तरह अब भी वन विभाग मूक दर्शक।

शाहपुर। गर्मी के मौसम में जगह जगह सरकारी और निजी जमीनों पर अवैध तरीके से लाल ईंट के भट्ठे लगाए जा रहे हैं ईंट बनाने का कारोबार इस समय शुरू हो जाता है। जिसमे अवैध रूप से नियमो की अनदेखी कर भट्ठे भी लगाए जा रहे हैं। अक्सर ऐसे कारोबारियों को खनिज विभाग का संरक्षण होता है, तभी तो इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती। मगर शाहपुर इलाके में इस बार अवैध ईंट निर्माताओं की मंशा पर पानी फिर गया है। यहां के तहसीलदार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लाखों ईंटों को जब्त कर लिया है। पाहवाड़ी में लग भाग छह भट्टो से 15 लाख ईंट की जब्ती बनाई गई है। इसी घटना को देखते हुए कुछ दिनों पहले वन विभाग की लापरवाही सामने आई थी जब सतपुड़ा भवन के अधिकारियों की कार्यवाही भौरा रेंज में हुई थी जिससे स्थानीय वन विभाग की पोल खुली थी स्थानीय वन विभाग के संरक्षण में एनजीटी के खुले तौर पर उलंघन लंबे समय से विभिन्न अवैध कार्यों में लिप्त अपराधियों द्वारा सिंडिकेट बना कर किया जा रहा है। जानने वाली बात यह है की आज की कार्यवाही में ग्रामीणों द्वारा मोर्चा संभाल कर अपराधियों के ऊपर कार्यवाही कराई गई । शासन में बैठे नेता हों या प्रशासन में बैठे घूस खोर सभी को अवैध कार्यों की सटीक जानकारी होती है इसका एक उदाहरण शाहपुर में निर्माणाधीन आमढाना बजरंग मंदिर रोड है जहां शाहपुर नगर के कई वरिष्ठ नागरिकों द्वारा कार्य में हो रही धांधली के खिलाफ मोर्चा खोला गया है परंतु रसूखदार ठेकेदार के सामने प्रशासन नतमस्तक है।

शाहपुर के तहसीलदार एंतोनिया एक्का ने यह बड़ी कार्यवाही करते हुए विभिन्न इलाकों के 3 लोगों से अवैध रूप से बनाये गए लगभग बारह लाख ईंटों को जप्त किया है। हालाँकि यह काम खनिज विभाग का है, लेकिन यहां लम्बे समय से अवैध लाल ईंटों का निर्माण और विक्रय चल रहा है। नायब तहसीलदार एंतोनिया एक्का ने ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर पहावाड़ी गांव में दबिश दी जहाँ 3 लोगों द्वारा अवैध ईंटों का निर्माण किया जा रहा था जिसे जप्त करने की कार्यवाही की गयी है। बताते चलें कि क्षेत्र में यह ईंट निर्माण से संबंधित अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है

बारिश का मौसम खत्म होते ही ईंट भट्ठों का कारोबार शुरू हो जाता है। कायदे से इसके लिए खनिज विभाग से अनुमति लेने का प्रावधान है, मगर ईंट कारोबारी कुम्हारों को आगे करके उन्हें ईंट बनाने के लिए छूट होने की बात प्रचारित कर देते है, मगर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सच तो यह है कि खनिज विभाग का अमला ईंट भट्ठों से वसूली करता है और इन्हें संरक्षण देता है। जिले भर में इस तरह अवैध ईंटों से करोड़ों का कारोबार होता है।

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