मनुष्य का हृदय तो केवल परमात्मा को पाने के लिए बना है आचार्य पं. मनीष जी महाराज ( द्वारकापुरी)
सारणी। सारनी के छोटा मठारदेव मंदिर के समीप स्थित श्री सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में 21 मार्च से द्वारकापुरी से पधारे मनीष पाठक महाराज के मुखारविंद से श्रीमद भागवत कथा महापुराण का वाचन किया जा रहा है कथा के चौथे दिन कथा श्रवण करने आये श्रृद्धालुओं को कथा का वाचन करते हुए पंडित मनीष पाठक महाराज ने कहा कि
संसार में मनुष्य कितनी भीख धन-संपत्ति प्रतिष्ठा वैभव प्राप्त कर ले लेकिन मन हृदय कभी तर तृप्त नहीं हो सकता क्योंकि मनुष्य का हृदय तो केवल परमात्मा को पाने के लिए बना है संसार की किसी भी वस्तु पदार्थ व्यक्ति से ये भरो ह्रदय भरो वह खाली ही रहेगा क्योंकि हमारा हृदय इन चीजों से भरने के लिए नहीं बनाया मनुष्य जितना पाता है इतना ही खाली समझ कर जीवन भर लगा रहता है फिर भी इच्छा पूरी नहीं होती है उद्धार माखन लीला कालीयनाग बकासुर अघासुर आदि राक्षसों का अंत करके ब्रह्मा जी का मोहभंग एवं देवराज इंद्र का मन भंग कर गोवर्धन धारण कथा प्रसंग आध्यात्मिकता के सात सुनाया प्रोजेक्ट मनुष्य अपने चारों और आशाओं का उम्मीदों का परीक्षाओं का एक जाल बुनता है और फंसता जाता है जब आशय टूटती है तो दुखी होता है फिर समझता है भगवान जी मुझसे नाराज है भाग्य साथ नहीं दे रहा मेरी किस्मत अच्छी नहीं है लेकिन यह नहीं सोचते तुमने ईश्वर के अलावा कहीं भी आशा लगा है तो निराशा तो मिलेगी मनुष्य की आस ही त्रास बन जाती है
समिति के सदस्यों ने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण का समापन 28 मार्च को हवन पूजन एवं भंडारा वितरित कर के किया जायेगा समिति के सदस्यों ने नगर के सभी भक्त प्रेमियों से आकर कथा का श्रवण कर के अपने जीवन को धन्य बनाने के अपील की है