पद्मावती महाविद्यालय पूंजी में  नई शिक्षा नीति पर आयोजित हुआ सेमिनार 

RAKESH SONI

पद्मावती महाविद्यालय पूंजी में  नई शिक्षा नीति पर आयोजित हुआ सेमिनार 

चोपना। महाविद्यालय के संचालक डॉ. नरेश सरदार के मार्गदर्शन में एक दिवसीय “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में व्यवसायिक पाठ्यक्रम का संचालन” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया ।

प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो हेमंत निरापुरे सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय घोड़ाडोंगरी, प्रो शंकर सातनकर  सहायक प्रध्यापक शासकीय महाविद्यालय भीमपुर, डॉ सचिन कुमार नागले सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय शाहपुर, संतोष सिंह राजपूत समन्वयक घोड़ाडोंगरी जन अभियान परिषद, रमेश चंद्र मेहरा पूर्व प्राचार्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।सेमिनार का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र  पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया । प्रो हेमंत निरापुरे ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति समावेशी बहुआयामी, रोजगार उनमुखी है एवं भविष्य में देश की शिक्षा व्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी,एवं आगे बताया कि अगर विद्यार्थी प्रथम वर्ष की परीक्षा पास करता है तो उसे सर्टिफिकेट द्वित्तीय वर्ष में डिप्लोमा एवं तृतीय वर्ष में डिग्री एवं चतुर्थ वर्ष में विद्यार्थियों को ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी । राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को विषय के चयन की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है , प्रो शंकर सातनकर सर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल्यांकन नीति पर विषयवार प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि  विद्यार्थी को कितने क्रेडिट प्राप्त करने होंगे ।पेपरों में किस प्रकार के प्रश्नों का समावेश किया जाएगा । उन्होंने कहा कि निश्चित ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी । इसी क्रम में डॉ सचिन कुमार नागले सर ने मेजर, माइनर ,ओपन इलेक्टिव, आधार पाठ्यक्रम, व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं फील्ड प्रोजेक्ट इंटर्नशिप ,सोशल कम्युनिटी,  विषयों पर विस्तृत प्रकाश डाला 

प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को विषयों के बारे में गहनता से समझाया गया एवं किस प्रकार विद्यार्थी फील्ड प्रोजेक्ट तैयार करेंगे,  की विस्तृत जानकारी दी गई । उन्होंने बताया कि निश्चित ही व्यवसायिक पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों  रोजगार प्राप्त कर सकेंगे । इसी के साथ संतोष सिंह राजपूत सर ने सकारात्मक सोच के साथ व्यक्तित्व विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम में व्यक्तित्व विकास जैसे विषयों का समावेश किया गया और निश्चित ही व्यक्तित्व विकास से विद्यार्थियों के भीतर सामुदायिक नेतृत्व क्षमता का विकास होगा । रमेश चंद्र मेहरा ने  योगा और ध्यान जैसे महत्वपूर्ण आधार पाठ्यक्रम पर प्रकाश डाला उन्होंने बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है ।योगा और प्राणायाम के माध्यम से ही विद्यार्थियों का शारीरिक और मानसिक विकास संभव होता है । संयोजक के रूप में प्रो. निशि परसाई एवं सह संयोजक के रूप में रोहित जैन ने कार्य किया ।सेमिनार में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

सेमिनार के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य विजय कुमार महतो द्वारा समस्त वक्ताओं का आभार व्यक्त किया गया ।

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!