बैतूल शहर के आसपास इस वर्ष 76 दुर्घटनाएं, 80 घायल, 6 शवों का परिवहन मुलताई में 2 शव ऑटो एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाएं, 40 घायलों को मदद मिली। 

RAKESH SONI

बैतूल शहर के आसपास इस वर्ष 76 दुर्घटनाएं, 80 घायल, 6 शवों का परिवहन
मुलताई में 2 शव ऑटो एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाएं, 40 घायलों को मदद मिली। 

बैतूल। सेवा का एक ऐसा प्रकल्प जिसमें सड़क हादसे के बाद कोई तड़पे न इसका ध्यान रखते हुए तत्काल समीपस्थ अस्पताल पहुंचाया जाता है, जिला मुख्यालय सहित आमला एवं मुलताई में बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा ऑटो एम्बुलेंस योजना जीवन रक्षक प्रकल्प चलाया जा रहा है। पिछले चार वर्षों में शहर एवं जिले के सेवाभावी लोगों द्वारा प्राप्त आर्थिक मदद एवं जिला एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग से यह प्रकल्प सतत चल रहा है। जिसे देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य कई बड़े शहरों में भी अपनाया गया। ऑटो चालकों द्वारा जिस समर्पण और जज्बे के साथ सड़क हादसे में घायलों की तत्परता से मदद की जाती है वह सराहनीय है। जिला मुख्यालय पर चार वर्षों से यह प्रकल्प संचालित है।

1 अप्रैल 2021 से 2 मई 2022 तक जिला मुख्यालय के ऑटो चालकों ने 76 सड़क, ट्रेन एवं अन्य हादसों में 80 घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया है, जबकि 6 शवों का परिवहन भी किया। इसी तरह मुलताई के ऑटो एम्बुलेंस चालकों द्वारा भी 40 घायलों की सड़क दुर्घटना के बाद मदद की। यहां के ऑटो चालकों ने भी दो शवों का परिवहन किया। अकेले बैतूल शहर के ऑटो एम्बुलेंस चालकों ने 16 अक्टूबर 2016 से आज तक 358 सड़क, ट्रेन, छत से गिरने, चाकू मारने की घटना में 410 घायलों की मदद की। 23 शव भी ऑटो से जिला अस्पताल या अस्पताल से घर पहुंचाए। दो शवों का घटना स्थल से मुलताई के ऑटो एम्बुलेंच चालकों ने परिवहन किया। आमला शहर के ऑटो एम्बुलेंस चालकों ने भी इस वर्ष करीब एक दर्जन घायलों की मदद की है। वन्य प्राणियों व गौवंश के लिये भी ऑटो एम्बुलेन्स मददगार बनी।
शव परिवहन पर पूर्व सांसद हेमंत देते है प्रोत्साहन राशि
जिला अस्पताल में शव परिवहन के लिए पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल द्वारा अपने पिता स्व. विजय खण्डेलवाल की स्मृति में शव वाहन का संचालन कराया जा रहा है। जब उन्होंने ऑटो एम्बुलेंस से शवों का भी आपातकालीन स्थिति में शव परिवहन होते देखा तो स्वयं आगे आकर उन्होंने शव परिवहन पर ऑटो एम्बुलेंस चालकों को प्रोत्साहन राशि देने की जिम्मेदारी ली। पिछले चार वर्षों में ऑटो एम्बुलेंस से 25 शव परिवहन किए जा चुके है। ऑटो एम्बुलेंस चालकों को पूर्व सांसद द्वारा शव परिवहन पर एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस एवं जिला प्रशासन का पूरा सहयोग समय-समय पर ऑटो एम्बुलेंस योजना को प्राप्त होता है।
इनकी वजह से कम नहीं हुआ ऑटो एम्बुलेंस चालकों का हौसला

बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति की अध्यक्ष गौरी पदम ने बताया कि बैतूल, आमला, मुलताई में ऑटो एम्बुलेंस चालक निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे है। घायलों को गोल्डन अवर में अस्पताल पहुंचाकर ऑटो चालक भी राहत महसूस करते है। सेवा का यह प्रकल्प डॉ ममता श्रीवास्तव, डॉ जया श्रीवास्तव, आरडी पब्ल्कि स्कूल, अभिमन्यु श्रीवास्तव, ट्रेजरी अधिकारी नितेश उईके, एसडीओपी नम्रता सोधिया, एड. नीरजा श्रीवास्तव, माधवी ठाकुर, अमित गोठी, डॉ विनय सिंह चौहान, धीरज हिराणी, धीरज बोथरा, अनूप जायसवाल, माधुरी पुजारे, सीए प्रदीप खण्डेलवाल, जमुना पंडाग्रे, तुलसी मालवीय, नीलम वागद्रे, माधुरी पुजारे, ललिता मानकर सहित अन्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों के माध्यम से सतत संचालित है। समिति सचिव भारत पदम, पदाधिकारी जमुना पंडागे्र, ईश्वर सोनी, नीलम वागद्रे, मुलताई संयोजक दीपेश बोथरा, आमला संयोजक मनोज विश्वकर्मा सहित संस्था के सभी सदस्यों ने सहयोगियों एवं सभी ऑटो एम्बुलेंस चालकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।

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