75 माईक्रोन से कम पॉलीथीन प्रतिबंधित, सिंगल यूस प्लास्टिक के उपयोग पर लगेगा जुर्माना।

RAKESH SONI

75 माईक्रोन से कम पॉलीथीन प्रतिबंधित, सिंगल यूस प्लास्टिक के उपयोग पर लगेगा जुर्माना।

प्लास्टिक की प्लेटें, गिलास, थर्माकोल, प्लास्टिक बैनरों पर भी प्रतिबंधन।

 

सारनी:- भारत सरकार के निर्देश के बाद अब 30 सितंबर से 75 माइक्रोन से कम पॉलीथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके विक्रय, परिवहन, उपयोग एवं भंडारण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। नगर पालिका परिषद सारनी ने भी व्यापारियों, आम नागरिकों व अन्य उपयोगकर्ताओं से 75 माइक्रोन से कम की पॉलीथीन का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया है। ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाकर कार्यवाही की जा सकती है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी सी.के. मेश्राम ने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर 30 सितंबर 2021 से 75 माइक्रोन की पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी तरह 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन की पालीथीन को प्रतिबंधित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसलिए अब 75 से कम माइक्रोन के पॉलीथीन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाकर उपयोग निषेध किया गया है। स्वच्छता अधिकारी के.के. भावसार ने बताया 75 माइक्रोन से कम पॉलीथीन पर प्रतिबंध के बाद प्लास्टिक स्टिक युक्त इयर बड्स, कैडी स्टिक, आईसक्रीम की डंडी, प्लास्टिक के झंडे, सिंगल यूस प्लेटें, गिलास, चम्मच, चाकू, स्ट्रों पर रोक रहेगी। थर्माकोल की वस्तुएं, सजावटी सामग्रियों पर पूरी तरह रोक रहेगी। इसी तरह 100 माइक्रॉन से कम प्लास्टिक, पीवीसी बैनरों पर पूरी तरह रोक रहेगी। प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग, विक्रय, परिवहन, भंडारण व अन्य करने वालों पर प्लास्टिक प्रबंधन अधिनियम (संशोधन) 2021 के हत कार्यवाही व 50 से 500 रूपये तक जुर्माना हो सकता है।

आवारा पशुओं पर भी सख्ती, मालिक पर होगी कार्यवाही
नगर पालिका ने शहर की सड़कों पर आवारा घूमने वाले पालतू पशुओं पर भी सख्ती की है। ऐसे पशुओं के मालिकों पर मध्यप्रदेश नपा अधिनियम 1956 के तहत कार्यवाही व जुर्माना किया जाएगा। सड़कों पर आवारा घूमने वाले मवेशियों, भैंसे, कुत्ते, बकरियां व अन्य पशुओं को जप्त भी किया जाएगा।

डब्ल्यूसीएल एमपीपीजीसीएल को भी लिखे सफाई के लिए पत्र नपा
क्षेत्र के कई वार्डों में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड और पावर जनरेटिंग कंपनी की कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों की सफाई व नालियों से गंदे पानी की निकासी को सुधारने नगर पालिका ने दोनों संस्थानों को पत्र लिखे हैं। नपा ने सुपरवाइजरों को नालियों-नालों की सफाई करने निर्देशित किया है। मच्छररोधी दवा एवं ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। खरपतवार साफ कीद जा रही है। डेंगू के मच्छर साफ पानी और घरों के भीतर पैदा होते हैं। इसलिए आम लोगों को अपने घरों में दो दिनों से ज्यादा पानी इकट्ठा नहीं रखने, नियमित सफाई करने व पानी जमा वाले स्थान पर थोड़ी मात्रा में मिट्टी का तेल अथवा पेट्रोल डालने का आग्रह किया है।

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