660 मेगावाट की ईकाई को कैबिनेट की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सांसद एवं विधायक को सौपा।
बैतुल/सारनी। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में 1975 के पूर्व 312.5 मेगावाट का विधुत उत्पादन होता था। यह ईकाई डिसमेनटल की जा चुकी है। सारनी में भारत हेवीइलेक्ट्रिकल लिमिटेड ने 830 मेगावाट की 4 ईकाई को 1975 से 1983 के बीच स्थापित किया । इन 4 ईकाईयो से 40 वर्षों से अधिक समय तक उत्पादन लेने के बाद वर्तमान में 4 इकाईयां बंद है। 2013 -14 मे 250 मेगावाट की 2 ईकाईयों से उत्पादन शुरू हुआ। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले दोरे मे ही घोषणा की थी , कि ईकाई 1 से 5 के डिसमेन्टल के बाद 660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल ईकाई का निर्माण किया जाएगा
बैतुल एवं पाथाखेड़ा के फुटबाल मैदान की सभा में 2018 में तवा तीन,गाँधी ग्राम कोयला खदान ओर 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने की घोषणा की थी। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि संगठन विगत 5 वर्षों से लगातार समय समय पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी एवं चचाई में 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना के लिए पत्र लिख कर सारनी मे की घोषणा का स्मरण करा रहा है ,जिससे वीरान हो रहे सारनी,पाथाखेडा को बचाया जा सके। इस संबंध में बैतूल हरदा हरसूद संसदीय क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके एवं विधायक डाँक्टर योगेश पंडागरे को 5 जनवरी को पत्र सोंप कर स्मरण कराया गया कि उन्होंनें भी 660 मेगावाट की नई ईकाई स्थापित करवाने के लिए पूर्ण रूप से सहयोग करने की बात की थी,उल्लेखनीय है कि सांसद एवं आमला सारनी विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे के प्रयास से कलेक्टर बैतुल ने कोयला खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने के आवश्यक कार्यवाही भी की है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कंपनी के पास मूलभूत सुविधाएँ पहले से ही उपलब्ध है। जिसके कारण सारनी मे 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने मे लागत में कमी आयेगी । कैबिनेट की मंजूरी इसी प्रकार अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में भी 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना करने मे लागत में कमी होगी , क्योंकि चचाई में दक्षिण पूर्व कोल इंडिया लिमिटेड की खदानों की दूरी भी कम है , कोयला सस्ता मिलेगा तो बिजली भी सस्ती मिलेगी । अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई मे 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है । चचाई में 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रशासकीय स्वीकृति 4 जनवरी 2022 को दी गई। जिससे चचाई में ताप विद्युत गृह के निर्माण की् प्रकिया शुरू होगी। आमला सारनी विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे ने यूनियन को बताया कि सारनी में 660 मेगावाट ईकाई, सोलर प्लांट ओर सुखाढाना में औधोगिक ईकाई स्थापित करवाने के लिए प्रयासरत है जिससे सारनी पाथाखेड़ा का अस्तित्व बना रहे। ध्यान देने की बात है कि चचाई में 1रू 82पैसे प्रति यूनिट कीमत है। सतपुड़ा की कीमत₹ 2.30 ओर सिंगाजी ताप विद्युत गृह की ₹2.96है। बिरसिहपुर ₹2.08 ओर₹ 2.46 पैसे विधुत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया सोलर इनर्जी पर पूरी तरह से आश्रित नहीं हो सकते हैं । भविष्य में ऊर्जा के नये नये उपायों पर मंथन करने की आवश्यकता है । चचाई मे 660 मेगावाट की ईकाई के बाद सतपुड़ा ताप विद्युत गृह मे भी 660 मेगावाट की ईकाई को कैबिनेट की मंजूरी शीघ्र देकर कार्य प्रारंभ करवाये, जिससे सारनी के अस्तित्व के साथ मध्यप्रदेश पावर जनरेटिग कंपनी लिमिटेड का भविष्य सुरक्षित होगा। इस मौके पर मोतीलाल कुशवाह, दिनेश मिश्रा, योगेन्द्र ठाकुर , अमित सल्लाम, संतोष प्रजापति एवं यूनियन के अनेक अनेक सदस्य उपस्थित थे ।